वाटिकन सिटी, मंगलवार, 24 मई 2016 (वेटिकन रेडियो) : संत पापा फ्रांसिस ने इस्तांबुल में 23-24 मई को चल रहे विश्व मानवीय शिखर सम्मेलन के प्रतिभागियों को एक संदेश भेजा है।
संत पापा ने तुर्की के प्रधानमंत्री एवं विश्व लोकोपकारी शिखर सम्मेलन के संचालक संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून को संबोधित अपने संदेश में कहा, "मुझे आशा है कि आपलोगों के प्रयास सही तरीके से उन लाखों लोगों के कष्टों को कम करने में अपना योगदान दे सकेंगे जिन्हें सुरक्षा, देखभाल तथा सहायता की जरूरत और एक सम्मानजनक भविष्य की तलाश है।"
उन्होंने संघर्षों का समाधान खोजने में कुछ कठिनाइयों को भी इंगित किया और कहा कि सैनिक, आर्थिक और राजनीतिक रणनीतियाँ व्यक्तियों को विस्थापित करती तथा धन और शक्ति के देवता के अधीन होती हैं। साथ ही मानवतावादी प्रयास प्रायः वाणिज्यिक एवं वैचारिक बाधाओं से प्रभावित रहते हैं।
उन्होंने कहा, "आज प्रत्येक व्यक्ति के दैनिक जीवन में रक्षा, उनकी गरिमा और मानव अधिकारों की व्यापक सुरक्षा की नवीकृत प्रतिबद्धता लेने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि लोगों की सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान तथा स्वतंत्रता को बनाए रखना आवश्यक है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि प्यार मानव पर केंद्रित होना चाहिये।
अंत में, संत पापा फ्रांसिस ने शिखर सम्मेलन में भाग लेने वालों के समक्ष एक चुनौती पेशकश करते हुए कहा कि वे पीड़ितों और उन दुखियों का रोना सुनें और अपने जीवन, राजनीति, आर्थिक विकल्पों, अपने व्यवहारों और सांस्कृतिक श्रेष्ठता के नजरिए को बदलें।
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