वाटिकन सिटी, सोमवार, 23 मई 2016 (सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार को वाटिकन
के प्रार्थनालय में अपने प्रातःकालीन मिस्सा के दौरान प्रवचन में कहा कि यह धन नहीं लेकिन
येसु हैं जो हमें सच्ची खुशी प्रदान करते हैं।
ऐसा कोई भी ख्रीस्तीय नहीं जो खुशी के बिना रहे। संत पापा ने कहा कि अपने दुःखों के बावजूद
एक ख्रीस्तीय जानता है कि कैसे उसे येसु में आधारित रहकर जीवन में आशावान बने रहना है।
उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि हम धन पर अशक्त न हो क्योंकि यह अंततः हमारे जीवन में
दुःख लाता है।
ख्रीस्तीय अपना जीवन खुशी में जीते हैं क्योंकि येसु मृतकों में से जी उठे हैं। संत प्रेत्रुस के पत्र पर टिप्पणी करते हुए उन्हें कहा कि यद्यपि हम महामारी से ग्रसित हो, हमारी खुशी को कोई नहीं छीन सकता जिसे येसु हमें प्रदान करते हैं। यह आशा है जिसे आरम्भिक ख्रीस्तीयों ने हमारे समक्ष रख जिससे द्वारा हम स्वर्ग की ओर अग्रसर होते हैं।
संत पापा ने कहा, “हमारी पहचान आनन्द है। सुसमाचार का आनन्द, येसु द्वारा चुने जाने
का आनन्द, बचाये जाने, नये जन्म, दुःख तकलीफ और क्रूस के बावजूद आशा की खुशी क्योंकि
येसु हमारा इंतजार करते हैं जो की हमारी शांति हैं क्योंकि वे हमारे साथ हैं।”
एक ख्रीस्तीय की खुशी येसु में विश्वास द्वारा बढ़ती हैं। येसु अपना विधान हमेशा याद
करते हैं बदले में एक ख्रीस्तीय जानता है कि येसु उसे याद करते, प्यार करते और उसके साथ
चलते हैं। ईश्वर उसकी प्रतीक्षा करते हैं और यह हमारी खुशी है।
सुसमाचार के धनी व्यक्ति पर अपना चिंतन प्रस्तुत करते हुए संत पापा ने कहा कि वह अपना
हृदय खुशी हेतु नहीं खोल पाया और उनके दुःख का चुनाव किया क्योंकि उसके पास विपुल धन
दौलत थी। वह उस पर आसक्त था। येसु हमें कहते हैं कि कोई भी दो स्वामी की सेवा नहीं कर
सकता। धन दौलत अपने में बुरा नहीं है लेकिन उनकी सेवा में लगा जाना बुरा है। बेचारा धनी
व्यक्ति उदास चला गया क्योंकि उसे धन से प्यार था।
हमारे पल्लियों, समुदायों और संस्थानों में हम कुछ लोगों को यह कहते हुए पाते हैं कि
वे ख्रीस्तीय है और ख्रीस्तीय बनने रहना चाहते हैं किन्तु कुछ चीज़ें हैं जो ठीक नहीं
हैं और वे उनके कारण उदास हो जाते हैं। हमें उन्हें येसु को पाने में मदद करनी चाहिए।
हमें उनकी उदासी को दूर करना चाहिए जिससे हम सुसमाचार की खुशी का अनुभव कर सकें। यह खुशी
आश्चर्य में केन्द्रित है एक अच्छा आश्चर्य, एक रहस्य के सामने, ईश्वर के सामने और पवित्र
आत्मा की खुशी के सामने। ख्रीस्तीय स्त्री और पुरुष एक आश्चर्यजनक व्यक्ति है। येसु ने
अपने शिष्यों से कहा कि वह नवयुवक बहुत अच्छा है लेकिन वह ईश्वर का अनुसरण नहीं कर सका
क्योंकि उसे अपने धन से प्रेम था। कौन बच सकता है? चेलों के इस सवाल के जवाब में येसु
ने कहा कि यह मनुष्य के लिए कठिन है लेकिन ईश्वर के लिए नहीं।
ख्रीस्तीय आनन्द विस्मयकारी है जो हमें पवित्र आत्मा से ईश्वर द्वारा प्राप्त होता है।
संत पापा ने कहा, “आज हम ईश्वर से विनय करें कि वे हमें आश्चर्य से भर दें, क्योंकि उन्होंने
हमें असंख्य वरदानों से भर दिया है। इस आश्चर्य में वह हमें खुशी से भर दें जिससे हम
कठिनाइयों के बावजूद अपने दिल में शांति का अनुभव कर सकें। वे हमें बहुत सारी सांसारिक
चीजों में खुशी पाने से बचाये रखे जो अन्ततः हमारे लिए दुःख का कारण बनते हैं क्योंकि
वे प्रतिज्ञा करते हैं लेकिन हमें बहुत सी चीजें नहीं प्रदान करती हैं। आप अच्छी तरह
याद रखें, ख्रीस्तीय स्त्री और पुरूष येसु में एक खुशी के स्रोत हैं।
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