2016-05-16 16:00:00

पंचायत द्वारा समाज से बहिष्करण पर प्रतिबंध


वाटिकन सिटी, सोमवार 16 मई 2016 (वाटिकन रेडियो) भारत की महाराष्ट्र सरकार ने पंचायत समिति द्वारा समाज से बहिष्करण पर प्रतिबंध लगाया।

महाराष्ट्र देश का पहला राज्य बना जहाँ गाँव की पंचायत समिति द्वारा सामाजिक बहिष्करण की सज़ा पर प्रतिबंध लगाया है जिसके तहत व्यक्ति या परिवार को किसी परम्परा के उल्लंघन में पूरे समाज से दखल होना पड़ता था। इस सज़ा के भुक्तभोगी प्रायः महिलाएँ और पिछड़ी जाति दलित समुदाय के लोगों को होना पड़ता था। महाराष्ट्र ने पिछले महीने वर्षो से चली आ रही ग्राम पंचायतों और समितियों के इस पुरानी प्रथा के विरूद्ध कानून पारित किया है।

गाँव की प्रशासन समिति के अनुरूप व्यक्ति और परिवार को समुदाय से निष्कासित कर दिया जाता था और उन्हें मन्दिर, कुआं, बाजार और महोत्सव में भाग लेने नहीं दिया जाता था। कुछ मुद्दों पर पंचायत समिति महिलाओं को डायन बातकर सज़ा स्वरूप उनके साथ सामूहिक बलात्कार या मौत की सज़ा देती थी।

महाराष्ट्र सरकार के नये कानून के अनुसार सामाजिक बहिष्कार दंडनीय अपराध घोषित किया गया है जिसके तहत सात वर्षों की जेल और पाँच लाख नगद दण्ड दोनों निर्धारित किये गये हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फादनवीस ने कहा, “परम्परा, जाति और समुदाय की रीतियों के उल्लंघन के नाम से लोगों पर किये जा रहे जुल्म के विरूद्ध यह कानून जरूरी था। उन्होंने कहा, “लोगों की भलाई और समाज नवीकरण की दृष्टिकोण से सामाजिक बहिष्करण को रोकना अनिवार्य हैं।”








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