रोम, शनिवार, 14 मई 2016 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार 13 मई को करुणा के जयन्ती वर्ष में महीना के एक
शुक्रवार को, दया के कार्य स्वरूप विभिन्न केंद्रों का दौरा करने के पहल को जारी रखते
हुए रोम के चम्पिनो स्थित किक्को समुदाय का दौरा किया।
यह संगठन आर्क के बृहद परिवार का हिस्सा
है जिसकी स्थापना जीन वानिर ने सन् 1964 ई. में की थी जिसकी शाखाएँ 30 देशों में फैली
हैं। यह मुख्यतः समाज के कमजोर एवं हाशिए पर जीवन यापन कर रहे लोगों के लिए समर्पित है।
संस्था का मुख्य उद्देश्य है लोगों के बीच इस बात में जागरूकता उत्पन्न करना कि विकलांग
लोगों के प्रति किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। ये केंद्र शारीरिक रूप से
कमजोर लोगों को अपनत्व की भावना एवं अगाध स्नेह देने का प्रयास करता है।
इस मुलाकात के द्वारा संत पापा संस्कृति
की खाई को भरना चाहते थे। उन्होंने कहा कि लोगों को उनकी शारीरिक असमर्थता के कारण प्रेम,
आनन्द तथा प्रतिष्ठा से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। पूर्वग्रह के कारण उन्हें भेदभाव
का शिकार नहीं बनाया जाना चाहिए।
संत पापा ने विकलांग एवं शारीरिक रूप से कमजोर लोगों के साथ जलपान किया तथा उनकी बातें सुनी।
अंत में उन्होंने वहाँ के प्रार्थनालय में प्रार्थना की तथा सभी का आलिंगन कर उनसे विदा
लिया।
विदित हो कि संत पापा फ्राँसिस अपन इस
कार्य द्वारा सामान्य एवं कमजोर लोगों पर अधिक ध्यान देना तथा करुणा के जयन्ती वर्ष के
अवसर पर उन्हें ईश्वर की कोमलता एवं उनका स्नेह प्रदान करना चाहते हैं। चाम्पिनो स्थित
किक्को समुदाय का दौरा दया का पाँचवाँ चिन्ह था। इससे पूर्व वे वयोवृद्धों, बीमारों,
शराब की लत में पड़े लोगों और शरणार्थी शिविर आदि केंद्रों का दौरा कर चुके हैं।
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