नई दिल्ली, बुधवार, 4 अप्रैल 2016 ( ऊकान): नई दिल्ली में 30 अप्रैल को वकीलों के एक नये मंच आमोद की शुरूआत की गई है जो दलितों, आदिवासियों और धार्मिक अल्पसंख्यकों को कानूनी सहायता देगी।
दलितों और आदिवासियों के लिए भारतीय धर्माध्यक्षीय कार्यालय के सचिव फादर जेड. देवसहायम राज ने कहा,"सभी मुद्दों को एक मंच पर लाने से सरकार पर दबाव डालने में अधिक प्रभावकारी होगा।"
नई दिल्ली में भारतीय सामाजिक संस्थान के आदिवासी अध्ययन विभाग के प्रमुख फादर रंजीत तिग्गा ने आशा व्यक्त की है कि इस मंच से गरीब लोगों के जीवन में एक फर्क पड़ेगा।
मंच के संयोजक पी. आई. जोस ने कहा कि यह मंच 25 स्वयंसेवी संगठनों का प्रतिनिधित्व करता है।
वकील तथा दलित ईसाई कार्यकर्ता थॉमस फ्रेंकलिन कैसर ने कहा कि यह नया मंच ही एक सही मंच है यहाँ हम एक साथ आ सकते हैं और इसका अधिक असर पड़ेगा।
भारत के 60 प्रतिशत अर्थात 27 लाख ईसाई मूलतः दलित और आदिवासी हैं।
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