2016-05-02 17:07:00

धार्मिक नेताओं ने सद्भाव के साथ चरमपंथ से लड़ने का वचन लिया


ढाका, सोमवार 2 मई 2016 (ऊकान): ढाका में 28 अप्रैल को बांग्लादेश पुलिस की ओर से आयोजित एक सम्मेलन में चार प्रमुख धर्मों के नेताओं ने एकजुट होकर बांग्लादेश में तेजी से बढ़ते हुए धार्मिक उग्रवाद और आतंकवाद का मुकाबला करने के प्रयासों और धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने का वचन लिया।

सभा में मुस्लिम, हिंदू, ईसाई और बौद्ध समुदायों के नेताओं और करीब 1500 लोगों ने भाग लिया।

गृह मंत्री असादुज्ज़ामन खान ने कहा कि बांग्लादेश में "धार्मिक सद्भाव को नष्ट करने की साजिश" की गई है। कुछ देसी आतंकवादी समूहों द्वारा अराजकता पैदा करने की कोशिशें की जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि विभिन्न धार्मिक समुदायों के नेतागण कट्टरवाद के खिलाफ लोगों को एकजुट करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

ढाका के महाधर्माध्यक्ष पैट्रिक डी रोज़ारियो ने कहा कि अंतरधार्मिक वार्ता और सद्भाव को मजबूत करने का प्रयास धार्मिक उग्रवाद से जूझने के महत्वपूर्ण साधन हैं।

उन्होंने कहा, "हम चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रहे हैं और हम इन चुनौतियों पर सफलतापूर्वक काबू पाना चाहते हैं। हमें सहिष्णुता और सद्भाव की एक हजार साल पुरानी परंपरा विरासत में मिली है  इसलिए हमें कुछ अप्रत्याशित घटनाओं से इसे नष्ट नही होने देना चाहिए।"

प्रसिद्ध इस्लामी मौलवी मौलाना मसूद फरिदुद्दीन ने कहा कि इस्लाम हिंसा का समर्थन नहीं करता और बांग्लादेश के इस्लामी नेतागण धर्म के नाम पर हिंसा की निंदा करते हैं।

एक हिंदू पुजारी तथा ढाका के प्राचार्य स्वामी ध्रुवेशानंदा के अनुसार कट्टरवाद का उदय  देश में सद्भाव की संस्कृति की कमजोरी को ईगित करता है अतः इसमें तुरंत सुधार किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, "हमें शांति और न्याय सुनिश्चित करने के लिए काम करना चाहिए।"

ढाका स्थित बुद्ध क्रिस्टी प्रचार संघ के अध्यक्ष शुद्धानंदा मोहातेरो ने कहा, "जो वास्तव में अपने देश और धर्म से प्यार करता है वह हिंसक साधनों का सहारा नहीं ले सकता। धार्मिक नेताओं के रूप में हमें लोगों को धार्मिक कट्टरता और नफरत की निंदा करने तथा शांति और को मजबूत करने प्रयास की शिक्षा देनी चाहिए।"








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