पत्र-13.4.16
कलीसिया हमारी माता है इस बात पर हमने गौर किया तो पाया कि हर माता अपने संतान को अच्छी शिक्षा देती है, पवित्रतामय जीवन जीना सिखाती है। आज जो लोग कलीसिया माता की बात को मानते नहीं वे अपनी माता को दुःख पहुँचाते हैं। क्या कलीसिया शिक्षा नहीं देती, क्या कलीसिया पवित्रतामय जीवन जीना नहीं सिखाती? बाईबिल के पुराने व्यवस्थान में पहले अध्याय को पढ़कर बहुत-बहुत प्रसन्नता हुई हमने जाना कि इस विश्व को ईश्वर ने कैसा बनाया।
मुशरफ हुसाईन ईरानी, मुशरफ कोलोनी, महाराष्ट्र।
पत्र- प्रिय साहब, प्रभु के नाम में प्रणाम।
वाटिकन भारती पत्रिका मिला। धन्यवाद। इसके टोपिक अच्छे लगे। अप्रैल मास की पत्रिका में पाठकों व श्रोताओं के पत्र विभाग में दीपक कुमार दास के तीन एवं राम विलास प्रसाद के दो पत्र छपे। कृपया दूसरे श्रोता को स्थान दें। आपके हरेक कार्यक्रम अच्छे लगते हैं। संत पापा की आवाज भेजने की कृपा करें। बहुत सारी शुभकामनाएँ।
हरीश वी. के. जानी, गायत्री आशीष, नियर कृष्णा, नागपुर।
पत्र –आदरणीय फा॰ अलेक्स जी, प्रभु यीशु के पवित्र नाम में नमस्कार। आपके यहाँ से प्रसारित साप्ताहिक कार्यक्रम रोचक व ज्ञानवधर्क होते हैं। इसके द्वारा धार्मिक एवं सामाजिक विषयों पर चर्चा सुनने को मिलता है। आज कल दोनों सभाओं के प्रसारण साफ सुनाई दे रहा है। कृपया सामग्रियाँ प्रेषित करें।
दीपक कुमार दास, अपोलो रेडियो लि॰ कल्ब के अध्यक्ष, मुजफ्फरपुर, ढोली सकरा, बिहार।
All the contents on this site are copyrighted ©. |