2016-04-27 15:19:00

लक्षित हत्याओं के बावजूद प्रेरिताई और सामाजिक गतिविधियाँ जारी


ढाका, बुधवार 26 अप्रैल 2016 (फीदेस एजेंसी): ढाका धर्मप्रांत के ससम्मान सेवामुक्त सहायक धर्माध्यक्ष थेयोतोनियुस गोमेस ने हाल में हुए दो लक्षित हत्याओं के बारे में फीदेस से कहा, "हम जानते हैं, हमें चिंता है लेकिन हम भयभीत नहीं हैं। कट्टर समूहों द्वारा हत्याएँ की जा रही हैं लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि सरकार उन्हें नियंत्रित करेगी।" कलीसिया का मेषपालीय और सामाजिक कार्य जारी रहेगा।"

बांग्लादेश में इस्लामी कट्टरपंथी समूहों द्वारा 35 वर्षीय जुलहाज़ मन्नान की हत्या ढाका में और उसके दोस्त विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रेज़ाउल करीम सिद्दिकी की हत्या राजशाही में कर दी गई। मन्नान "रुपबान" पत्रिका के पत्रकार-संपादक थे वे देश के समलैंगिकों और किन्नरों की समस्याओं और अधिकारों के लिए कार्य करते थे।

पिछले हफ्ते इस्लामिक स्टेट ने उत्तरी बांग्लादेश के 65 वर्षीय, पादरी हुसैन अली की हत्या की जिम्मेदारी ले ली है। उन्होंने सन् 1999 में ईसाई धर्म को स्वीकार किया था। फरवरी में देश के उत्तर पश्चिम भाग में एक हिंदू पुजारी की हत्या कर दी गई थी। पिछले साल धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक राज्य के समर्थक चार व्यक्तियों को मार डाला गया और उनके उपर "नास्तिक" का लेबल लगाया गया था। 

ढाका के मेजर सेमिनरी में प्रोफेसर के रुप में कार्यरत धर्माध्यक्ष गोमेस ने फिदेस को बताया कि स्थिति जटिल है। स्थानीय इस्लामी उग्रवादी समूह इस्लामिक देशों से प्रेरित हो रहे हैं। देश की पूरी  आबादी 160 करोड़ है जिसमें ईसाइयों की संख्या 1% अर्थात 1 करोड़ 6 लाख है जिसमें काथलिकों की संख्या 300 हजार (जनसंख्या का 0.2 %) है। 

उन्होंने कहा, "हमें सावधानी से आगे बढ़ना है। स्थिति के बारे में पता होते हुए भी हमने प्रार्थना और ईश्वर में विश्वास में रहते हुए प्रेरिताई, शिक्षा और सामाजिक गतिविधियों को जारी रखा है।"








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