2016-04-26 16:31:00

भूकंप के एक साल बाद भी टेंट और पेड़ के नीचे रहते हैं हजारों लोग


काठमांडू, मंगलवार 26 अप्रैल 2016 (एशिया समाचार):  नेपाल में भूकंप के एक साल पूरा होने के बाद भी हजारों विस्थापित लोगों के लिए रहने की जगह या घर नहीं है। पूरे देश ने 8961 पीड़ितों को याद करना बंद कर दिया है।

पिछले साल के 7.9 शक्तिशाली भूकंप ने लाखों लोगों के घरों को नष्ट कर दिया और कम से कम के आठ लाख लोगों के घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया था। तब से हजारों लोग खाना और आश्रय पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

भूकंप के तुरंत बाद, नेपाल सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदायों को बचाव कार्य में मदद देने और बुनियादी जरूरतों के वितरण हेतु अपील की थी लेकिन अब सरकार की सहमति के बिना किसी भी समुदाय को स्वैच्छिक योगदान देने की अनुमति नहीं है। अभी भी अधिकांश पीड़ित लोग उदार संगठनों द्वारा प्रदान की गई वस्तुओं और खाद्य पदार्थों से जीवन निर्वाह कर रहे हैं।

भूकंप के तुरंत बाद सरकार ने इससे निपटने के लिए राष्ट्रीय पुनर्निर्माण प्राधिकरण (एन.आर.ए) को स्थापित किया जिससे कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद की जा सके तथा उनकी स्थिति और जरूरतों के आँकड़े इकट्ठा की जा सके किन्तु एन.आर.ए ने अभी तक कुछ खास नहीं किया है।

बिदूर-3 में रहने वाली राधिका घाले के अनुसार एन.आर.ए बहुत प्रभावी नहीं है क्योंकि इसमें काम करने के लिए कर्मचारियों की कमी है।

एन.आर.ए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुशील ज्ञानवाली ने कहा, “राजनीतिक विभाजन और एन.आर.ए के गठन में विलम्बता के कारण हम काम में तेजी नहीं ला पाये हैं लेकिन अब हमारे कामों में तेजी आ गई है और जल्द से जल्द हम सभी पीड़ितों तक पहुंच पायेंगे।”

ज्ञानवाली ने दान पर प्रतिबंध लगाने के बारे में कहा, “ हमने दान पर प्रतिबंध नहीं लगाया है पर सभी गैर सरकारी संगठनों और उदार संगठनों से हमने उनकी प्रतिबद्धताओं की मांग की है कि वे क्या करना चाहते हैं।”

उन्होंने कहा कि कई हिंदुओं ने सहायता के नाम पर उदार संगठनों द्वारा लोगों को ईसाई बनाने की शिकायत की। इसी वजह से उन्होंने यह निर्णय लिया।"








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