2016-04-25 10:28:00

प्रेम है ख्रीस्तीयों का पहचान पत्र, सन्त पापा फ्राँसिस


वाटिकन सिटी, सोमवार, 25 अप्रैल सन् 2016 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा है कि "प्रेम" ही ख्रीस्त के अनुयायियों का पहचान पत्र और वैधसंगत दस्तावेज़ है।

रविवार, 24 अप्रैल को, रोम स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजागर के प्राँगण में, विश्व के लगभग 120,000 युवाओं के लिये ख्रीस्तयाग अर्पित कर सन्त पापा ने ये शब्द कहे।

सभी युवा करुणा को समर्पित जयन्ती वर्ष के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय सम्मेलन के लिये विश्व और, विशेष रूप से, यूरोपीय देशों से रोम पहुँचे हैं। 

सन्त योहन रचित सुसमाचार में निहित प्रभु येसु ख्रीस्त के शब्दों कि "यदि तुम एक दूसरे से प्यार करोगे तो सब जान जायेंगे कि तुम मेरे शिष्य हो" पर चिन्तन करते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने युवाओं से कहा कि इन शब्दों द्वारा प्रभु येसु ने हमें महान ज़िम्मेदारी सौंपी है। वे हमसे कहते हैं कि हमारे परस्पर प्रेम से विश्व यह जान जायेगा कि हम येसु के शिष्य हैं। इस प्रकार सन्त पापा ने कहा, "प्रेम ही हम ख्रीस्तानुयायियों का पहचान पत्र है, प्रेम ही हमारा वैधसंगत दस्तावेज़ है। इस दस्तावेज़ को अनवरत नवीकृत किया जाये क्योंकि इसका अन्त हो जाने पर हम अपने प्रभु येसु के साक्षी नहीं कहला सकते।"

उन्होंने कहा, "येसु के सच्चे मित्र यथार्थ प्रेम के कारण ही अनिवार्य रूप से अपने दैनिक जीवन में दैदीप्यमान होते हैं।" युवाओं से अपने जीवन में प्रेम का वरण करने का आग्रह कर सन्त पापा ने कहा, "सब कुछ से पहले, प्रेम अति सुन्दर है, यह खुशहाली का पथ प्रदर्शित करता है। हालांकि, यह सरल पथ नहीं है, यह त्याग और तपस्या तथा प्रतिपल प्रयास की मांग करता है।"

सन्त पापा ने कहा, "प्रेम एक उपहार के सदृश है, उपहार देनेवाले को भी इसके लिये अपना समय देना पड़ता है, इसके लिये प्रयास करना होता है। ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार आपके माता-पिता तथा युवा दलों के नेताओं ने आपको जयन्ती वर्ष के लिये रोम तक आने का उपहार दिया। उन्होंने इसके आयोजन में मदद दी, आपको यहाँ तक पहुँचाने का आर्थिक खर्च उठाया तथा इस अभूतपूर्व घटना के लिये आपको तैयार किया। यह सब उनके प्रेम का ही परिणाम है।"

युवाओं को सन्त पापा ने परामर्श दिया कि वे प्रभु येसु की ओर दृष्टि लगायें जिनका प्रेम एवं जिनकी उदारता कभी समाप्त नहीं होती। प्रतिदिन हम उनसे कुछ न कुछ ग्रहण करते हैं और इसके लिये हम उन्हें हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित करते रहें।








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