2016-04-16 11:23:00

शरणार्थी मानवतावादी संकट की उपेक्षा नहीं की जा सकती, संयुक्त घोषणा


लेसबोस, ग्रीस, शनिवार, 16 अप्रैल 2016 (सेदोक): ग्रीस के लेसबोस द्वीप पर सन्त पापा फ्राँसिस, विश्वव्यापी ऑरथोडोक्स कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष बारथोलोम प्रथम तथा आथेन्स एवं सम्पूर्ण ग्रीस के महाधर्माध्यक्ष येरोनीमुस ने शनिवार, 16 अप्रैल को एक संयुक्त घोषणा जारी कर कहा कि विश्व इतने बड़े पैमाने के मानवतावादी संकट की अवहेलना नहीं कर सकता।

लेसबोस में शरणार्थियों के प्रति एकात्मता प्रदर्शन हेतु अपनी एक दिवसीय यात्रा के मौके पर विश्व के काथलिक एवं ऑरथोडोक्स धार्मिक नेताओं ने कहा, "बलात आप्रवास एवं विस्थापन की त्रासदी से लाखों लोग पीड़ित हैं और यह मूल भूत रूप से एक मानवतावादी संकट है जिसके प्रति एकात्मता, दया, उदारता एवं व्यावहारिक सहायता के साथ प्रत्युत्तर का आह्वान किया जाता है। लेसबोस से हम सम्पूर्ण अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से अपील करते हैं कि वह साहस एवं कूटनैतिक माध्यमों से इस मानवतावादी संकट का समाधान ढूँढ़े।"     

सन्त पापा फ्राँसिस एवं धार्मिक नेताओं ने लिखाः "धार्मिक नेता होने के नाते हम शांति, पुनर्मिलन एवं वार्ताओं को प्रोत्साहन देने के प्रति वचनबद्ध हैं। आप्रवासियों एवं शरणार्थियों को राहत सहायता देने के लिये धन्यवाद ज्ञापित करते हुए हम राजनैतिक नेताओं का आह्वान करते हैं कि वे इस तथ्य को सुनिश्चित्त करें कि व्यक्तियों एवं समुदायों को उनके अपने घरों में सुरक्षा एवं जीवन यापन के साधन मिल सकें। मध्यपूर्व के हर क्षेत्र में युद्ध एवं हिंसा की समाप्ति का आह्वान करते हुए हम न्यायसंगत एवं स्थायी शांति तथा अपने घरों का पलायन हेतु बाध्य हुए लोगों की सुरक्षित वापसी की मंगलकामना करते हैं।" 

संयुक्त घोषणा में उन्होंने लिखाः "यूरोप आज द्वितीय विश्व युद्ध के अंत के बाद से अपने सबसे गंभीर मानवीय संकट में से एक का सामना कर रहा है। इस गंभीर चुनौती का सामना करने के लिए, हम मसीह के सभी अनुयायियों से अपील करते हैं कि वे प्रभु येसु के उन शब्दों के प्रति जागरूक होवें जिनके अनुसार एक दिन हमारा भी न्याय किया जाएगा। सन्त मत्ती रचित सुसमाचार के अनुसार येसु कहते हैं: "मैं भूखा था और तुमने मुझे खिलाया, मैं प्यासा था और तुमने मेरी प्यास बुझाई, मैं परदेशी था और तुमने मुझे अपने यहाँ शरण दी... मैं तुम लोगों से कहता हूँ – तुमने मेरे इन भाइयों में से किसी एक के लिये चाहे वह कितना ही छोटा क्यों न हो, जो कुछ किया, वह तुमने मेरे लिये किया।" 








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