2016-04-15 16:13:00

महाराष्ट्र के काथलिकों ने नहीं दी क्रिकेट मैच का अनुमोदन


नई दिल्ली, शुक्रवार 15 अप्रैल 2016(ऊकान): भारत के कलीसियाई नेताओं ने सरकार से सूखा प्रभावित पश्चिमी महाराष्ट्र में चल रहे क्रिकेट मैचों के स्थानांतरण के साथ–साथ, राज्य में पानी के संरक्षण की माँग की है।

भारतीय काथलिक धर्माध्यक्ष सम्मेलन के प्रवक्ता फादर ज्ञान प्रकाश टोपनो ने ऊका समाचार से कहा "यह दुःख की बात है और निराशा होती है कि सरकार सूखा प्रभावित लोगों के लिए पानी उपलब्ध कराने में असमर्थ है। क्रिकेट मैदानों पर इतना पानी खर्च के बजाय इसे जरूरतमंद लोगों को दी जानी चाहिए।"

लोकप्रिय इंडियन प्रीमियर लीग ने इस टूर्नामेंट का आयोजन किया है और इसमें खेलने के लिए  दुनिया भर से आए क्रिकेट खिलाड़ियों को लाखों डॉलर का भुगतान करता है। यह टूर्नामेंट  9 अप्रैल से 29 मई तक चलेगा।

महाराष्ट्र में कुल 13 मैच खेले जायेंगे। मुंबई में अंतिम मैच होगा।

मुम्बई की उच्च अदालत ने 13 अप्रैल को कहा कि केवल मैच के स्थानांतरण से समस्या का समाधान नहीं होगा, लेकिन यह एक शुरुआत हो सकती है। क्रिकेट के मैदान को बनाए रखने के लिए प्रयोग किये जाने वाले पानी को सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए दिया जा सकता है।

एक स्वयंसेवक संगठन ने मुकदमा दायर किया है उनका दावा है कि महाराष्ट्र में क्रिकेट के मैदान बनाए रखने के लिए करीब 60 लाख लीटर पानी की जरूरत होगी। इस पानी को राज्य के सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए दिया जा सकता है। महाराष्ट्र भयंकर सूखे की स्थिति से जूझ रहा है।

मुम्बई महाधर्मप्रांत के प्रवक्ता फादर निगेल बैरेट ने ऊका समाचार से कहा कि राज्य में सूखे की वजह से विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति अत्यंत दयनीय है।

विदित हो कि वर्तमान में उत्तरी भारत में गर्मी की लहर चल रही है और 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान है। लगभग भारत के 29 राज्यों में से 10 राज्य गंभीर सूखे की चपेट में हैं, और मौसमी मानसून की बारिश अभी भी कम से कम दो महीने दूर है।








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