2016-04-14 16:14:00

साहसी एवं दयालु पुरोहित बनें, संत पापा


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 14 अप्रैल 2016 (वीआर सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार 14 अप्रैल को वाटिकन स्थित लोकसभा परिषद भवन में परमधर्मपीठीय स्कॉट्स कॉलेज के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों से मुलाकात की जो परमधर्मपीठीय स्कॉट्स कॉलेज का 400 वाँ वर्षगाँठ मना रहे हैं।

उन्हें सम्बोधित कर संत पापा ने कहा कि इसका स्मरण करना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह 16 व्यक्तियों के निष्ठा की याद दिलाती है जो 11 मार्च 1616 ई. में पुरोहित के रूप में सुसमाचार की शिक्षा देने हेतु शहीदों की प्रेरणा से स्कॉटलैंड लौटने का निश्चय किया था।

संत पापा ने कहा कि संत जोन ओजिलवीय की शहादत कलीसिया के विश्वास को चुप करने के लिए की गयी थी किन्तु यह घटना रोम धर्मासन की एकता में बने रहने हेतु स्वतंत्रता की रक्षा के लिए प्रेरणा की स्रोत बन गयी। चार सौ वर्षों पूर्व 16 व्यक्तियों की ‘हाँ’ न केवल उनके सुविचार का परिणाम था किन्तु यह उनकी दृढ़ता थी, स्कॉटलैड लौटने हेतु उनकी तत्परता जहाँ कठिनाईयाँ उनका इंतजार कर रहीं थीं। उनका जीवन आनन्द और शांति की तलाश कर रहा था जिसे सिर्फ ख्रीस्त दे सकते हैं। ईश्वर की कृपा से संत जोन की शहादत एवं 16 व्यक्तियों के साहस ने फल लाया।

संत पापा ने वर्तमान युग की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि हम भी शहादत के युग में जी रहे हैं तथा ऐसी संस्कृति में जो बहुधा सुसमाचार का विरोध करती है। उन्होंने प्रोत्साहन दिया कि वे भी अपने पूर्वजों का अनुसरण करें। सभी चीजों से बढ़कर येसु से प्रेम करें। पुरोहिती प्रशिक्षण में उदारता पूर्वक अपने को समर्पित करें ताकि स्कॉटलैंड लौटने के लिए अपने को पूरी तरह तैयार कर पायेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसा करने के द्वारा वे इतिहास का सम्मान करेंगे और स्कॉटलैड के लोगों के लिए आशा के चिन्ह बनेंगे विशेषकर, युवाओं के लिए। 

 

 








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