2016-04-12 12:19:00

शांति निर्माण सम्मेलन को सन्त पापा फ्राँसिस का सन्देश


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 12 अप्रैल सन् 2016 (सेदोक): सन्त पापा फ्रांसिस ने "पाक्स क्रिस्टी" नामक शांति निर्माण अन्तरराष्ट्रीय नेटवर्क के सम्मेलन को प्रेषित सन्देश में अहिंसा की काथलिक समझदारी उत्पन्न करने में नेटवर्क की सराहना की है।  

रोम के चर्च विलेज होटेल में 11 से 13 अप्रैल तक "पाक्स क्रिस्टी" तथा परमधर्मपीठीय न्याय एवं शांति सम्बन्धी समिति के तत्वाधान में "अहिंसा एवं न्यायिक शांति की काथलिक समझदारी उत्पन्न करना तथा अहिंसा को हासिल करने हेतु प्रयत्नरत रहना" शीर्षक से एक सम्मेलन जारी है। 

सन्त पापा ने कहा कि जयन्ती वर्ष के दौरान आयोजित यह सम्मेलन बहुत विशिष्ट तथा मूल्यवान बन जाता है। वस्तुतः, उन्होंने कहा, "दया, आनन्द, विश्रान्ति एवं शांति की स्रोत है, ऐसी शांति जो खास तौर से आन्तरिक शांति है तथा प्रभु के साथ पुनर्मिलन से प्रवाहित होती है।" तथापि, उन्होंने कहा कि सम्मेलन के प्रतिभागियों को, "विश्व में व्याप्त समसामयिक परिस्थितियों एवं ऐतिहासिक क्षण" को दृष्टिगत रखकर विचार विमर्श करना चाहिये।

वर्तमान विश्व में नित्य जारी हिंसक घटनाओं को मद्देनज़र सन्त पापा ने कहा, अधिकांश मानवता आज "टुकड़ों में जारी असाधारण एवं भयंकर विश्व युद्ध" का शिकार बन रही है और यदि इसका समाधान खोजना है तो हमें कुछे पीछे मुड़कर देखना होगा। उन कारणों का पता लगाना होगा जिनकी वजह से विगत शताब्दी की अधिकांशतः ख्रीस्तीय सभ्यता को "पाक्स क्रिस्टी" एवं परमधर्मपीठीय न्याय एवं शांति समिति जैसे संगठनों की स्थापना करनी पड़ी।    

वैश्वीकृत विश्व में न्याय को प्रोत्साहन देने के लिये सन्त पापा फ्राँसिस ने स्वतंत्रता एवं सचेत रहकर अपने दायित्वों को पूरा करने की अनिवार्यता पर बल दिया। उन्होंने कहा, "मानवता को ज़रूरत है उन सभी सर्वोत्तम उपलब्ध उपकरणों की, जो, न्याय एवं शांति में जीवन यापन हेतु  आज के स्त्री पुरुषों की आकांक्षाओं को पूरा करने में मदद प्रदान कर सकें।"   

शांति को प्राप्त करने के लिये युद्धों की समाप्ति का आह्वान करते हुए सन्त पापा ने द्वितीय वाटिकन महासभा को उद्धृत कर कहा कि सरकारों को अपने बचाव के लिये समझौतों के हर मार्ग को अपनाने का अधिकार है। तथापि, उन्होंने कहा, "संघर्षों की उपेक्षा नहीं की जा सकती बल्कि उनका सामना किया जाना तथा उसका समाधान ढूँढ़ा जाना ज़रूरी है।








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