2016-04-11 16:55:00

स्वर्ग की रानी प्रार्थना के पूर्व संत पापा का संदेश


वाटिकन सिटी, सोमवार, 11 अप्रैल 2016 (वीआर सेदोक): वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 10 अप्रैल को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ स्वर्ग का रानी प्रार्थना का पाठ किया स्वर्ग की रानी प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा,

″अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात,

आज का सुसमाचार पाठ जी उठे ख्रीस्त द्वारा अपने शिष्यों को गलीलिया के तट पर तीसरी बार दर्शन देने की घटना को प्रस्तुत करता है जहाँ वे चमत्कारिक रूप से बहुत अधिक मछलियाँ पकड़े। (यो. 21: 1-19)

संत पापा ने कहा कि कहानी शिष्यों के दैनिक जीवन की पृष्टभूमि पर आधारित है। प्रभु के दुखभोग, मृत्यु और पुरूत्थान के विस्मयकारी घटनाओं के बाद वे अपनी भूमि और मछली मारने के पेशे में पुनः लौट गये थे। उनके लिए यह समझना कठिन था कि वास्तव में क्या हुआ था किन्तु जब उन्हें लगा कि अब सब कुछ सामान्य हो गया है तब येसु ने अपने शिष्यों की जाँच करना चाहा। इस बार वे झील के किनारे उनसे मिलने गये जहाँ बिना मछली पकड़े, शिष्य नाव पर रात गुजारी थी।

संत पापा ने कहा कि खाली जाल येसु के साथ होने के उनके अनुभव को दर्शाता है। शिष्यों ने येसु को अच्छी तरह पहचाना था तथा पूरी आशा के साथ अपना सब कुछ छोड़कर उनके पीछे हो लिए थे जबकि इस समय उनकी स्थिति इस दौर से गुजर रही थी। शायद उन्होंने कहा होगा, जी हाँ, हमने पुनर्जीवित प्रभु को देखा था किन्तु वे हमें छोड़कर चले गये, यह मात्र एक स्वप्न के समान था। आज प्रातः येसु झील के तट पर आये किन्तु शिष्यों ने उन्हें नहीं पहचाना। (पद. 4) उन थके मांदे एवं निराश मछवारों से प्रभु कहते हैं, अपनी जाल नाव की दाहिनी ओर डालो और तुम्हें मिलेगा। (पद. 6)

शिष्यों ने येसु पर भरोसा रखा जिसका परिणाम यह हुआ कि उन्हें बहुत अधिक मछलियाँ मिलीं। तब योहन ने पेत्रुस की ओर मुड़कर कहा कि यह तो प्रभु ही है। (पद.7) और पेत्रुस यह सुनकर समुद्र में कूद पड़ा तथा तट पर खड़े येसु की ओर बढ़ा। यह घोषणा कि ″यह तो प्रभु ही हैं″, पास्का में विश्वास की खुशी है। आनन्द और विस्मय की ये भावनाएँ, घबराहट, निराश और असहाय होने की भावना के बिलकुल विपरीत हैं जो शिष्यों के मन में संचित थे।

पुनर्जीवित ख्रीस्त की उपस्थिति सब कुछ बदल देती है। प्रकाश का अंधकार पर विजय हो जाता है। व्यर्थ प्रतीत होने वाला काम भी अर्थपूर्ण और आशाजनक हो जाता है। थकान और उपेक्षा की भावना, गति और आश्वासन को रास्ता देती है कि वे हमारे साथ हैं। संत पापा ने कहा कि ये ही भावनाएँ है जो कलीसिया अर्थात् पुनर्जीवित समुदाय को उत्साह प्रदान करती हैं। संत पापा ने कहा कि हम सभी पुनर्जीवित कलीसिया के सदस्य हैं। यद्यपि एक नजर में बुराई तथा दैनिक जीवन की थकान का अंधकार दिखाई पड़े तथापि कलीसिया यह निश्चित रूप से जान ले कि प्रभु येसु का अनुसरण करने वाला व्यक्ति पास्का के असीम प्रकाश से प्रकाशित किया जायेगा। प्रभु के जी उठने का संदेश विश्वासियों के हृदयों को अत्यधिक आनन्द एवं अजेय आशा से भर देता है।

ख्रीस्त सचमुच जी उठे हैं इस आनन्दपूर्ण घोषणा को कलीसिया आज भी गुंजायमान कर रही है। खुशी तथा आशा की भावनाओं को हृदय, चेहरे, हावभाव और शब्दों द्वारा प्रकट होना जारी है।

संत पापा ने कहा कि सभी ख्रीस्तीयों को जी उठने के इस संदेश को लोगों के बीच बांटना है विशेषकर, दुःख झेल रहे, एकाकी, बीमार, शरणार्थी और कठिन परिस्थिति में पड़े लोगों तथा जो हाशिये पर जीवन यापन कर रहे हैं। हम सभी पुनर्जीवित ख्रीस्त के प्रकाश, उनके करुणावान सामर्थ्य से बल प्राप्त करें।

पास्का के विश्वास में नवीकृत करने वाले प्रभु, हमें सुसमाचार एवं भाई बहनों की सेवा की प्रेरिताई के प्रति सदा जागरूक बनाये। हमें पवित्र आत्मा से भर दे ताकि माता मरियम की मध्यस्थता द्वारा पूरी कलीसिया के साथ, हम उनके प्रेम की महानता एवं करुणा की समृद्धि को घोषित कर सकें।

इतना कहने के बाद संत पापा ने स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

स्वर्ग की रानी प्रार्थना के उपरांत देश-विदेश से एकत्र सभी तीर्थयात्रियों एवं पयर्टकों का अभिवादन करते हुए संत पापा ने यमन में 4 मार्च को अपहृत, फा. टोम उज़हून्नालिल को रिहा किये जाने की अपील की। उन्होंने कहा, ″जी उठे ख्रीस्त प्रदत्त आशा से प्रेरित होकर, मैं संघर्षपूर्ण क्षेत्रों में बंदी बनाये गये सभी लोगों के रिहा किये जाने की अपील दोहराता हूँ विशेषकर, सलेशियन फा. टोम उजहून्नालिल के लिए।

इटली में सेक्रेड हार्ट के काथलिक विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय दिवस की याद कर संत पापा ने शुभकामनाएँ देते हुए कहा, ″मैं आशा करता हूँ कि इस महा विश्वविद्यालय में जो इटली के युवाओं को महत्वपूर्ण सेवा दे रही है, शिक्षण की प्रेरिताई में नए सिरे से प्रतिबद्ध हो तथा आज के युग की आवश्यकता को पूरी कर सके।

संत पापा ने मैराथन दौड़ में भाग ले रहे प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएँ अर्पित की। उन्होंने संत पेत्रुस महागिरजाघर के गायक मंडली के प्रति अपना आभार व्यक्त किया।

अंत में उन्होंने सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।








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