2016-04-11 16:35:00

बंद हृदय में दूसरों के जीवन की अवहेलना


वाटिकन सिटी, सोमवार, 11 अप्रैल 2016 (वीआर सेदोक): वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में सोमवार 11 अप्रैल को संत पापा फ्राँसिस ने ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए कहा कि जो लोग ईशवचन का प्रयोग लोगों का न्याय करने के लिए करते हैं तथा अपना हृदय बंद कर लेते हैं वे लोगों के जीवन पर कोई ध्यान नहीं देते किन्तु संहिता के ढ़ाँचे एवं शब्दों तक ही सीमित होते हैं।

संत पापा ने प्रवचन में प्रेरित चरित से लिए गये पाठ पर चिंतन किया जहाँ संहिता के विद्वान स्तेफन के साथ बहस करते हैं क्योंकि वे उसकी प्रज्ञा तथा पवित्र आत्मा का विरोध नहीं कर पा रहे थे। वे उनका विरोध करने के लिए उनके साक्ष्य को मूसा एवं ईश्वर के विरूद्ध साबित करने हेतु भड़काते हैं।

संत पापा ने कहा कि उनका हृदय सच्चाई के लिए बंद था बल्कि नियमों पर टिका हुआ था। उन्होंने संहिता से अधिक उसके अक्षरों को महत्व दिया तथा उसे बनाये रखने के लिए मृत्यु दण्ड की सज़ा तक का सहारा लिया। येसु ने उनके इस मनोभाव के लिए उन्हें पहले ही धिक्कारा था कि उनके पूर्वजों ने नबियों को मार डाला और आज वे उसपर स्मारक बनवा रहे हैं क्योंकि वे कहते थे कि यदि वे पूर्वजों के समय में होते तो उनकी तरह नहीं किये होते। येसु उनसे कहते हैं कि दूसरों का न्याय करते समय वे अपने हाथों को तो अच्छी तरह धो लेते हैं किन्तु ईश वचन के प्रति उनका हृदय बंद है। उनका हृदय ईश्वर के उस संदेश के प्रति खुला नहीं है जो ईश प्रजा को आगे ले चलती है।

संत पापा ने सुसमाचार में येसु के लिए यूदस को, चाँदी के सिक्के देने वालों की कठोरता पर खेद प्रकट करते हुए कहा कि जब यूदस पश्चाताप करते हुए पैसा वापस करने हेतु महायाजकों के पास गया तथा अपनी गलती स्वीकारी तो उन्होंने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया क्योंकि उनका हृदय बंद था, जिसके कारण यूदस को कोई रास्ता नहीं दिखाई दिया और वह जाकर अपने को फाँसी पर लटका दिया। जब उन्होंने यूदस को फाँसी पर लटकते देखा तो उसपर सहानुभूति जतायी।

संत पापा ने कहा कि महायाजकों के लिए एक व्यक्ति का जीवन मामूली था अतः उन्होंने यूदस के जीवन के लिए कोई अफसोस नहीं किया। उनके लिए नियम के ढ़ाँचे अधिक महत्वपूर्ण थे जिसपर उन्होंने कई शब्दों एवं चीजों का निर्माण किया था। उनके हृदय की इसी कठोरता तथा झूठ ने स्तेफन की प्रज्ञा का विरोध नहीं कर पाने के कारण उसका न्याय करते हुए उस पर ग़लत साक्ष्य का आरोप लगाया। संत पापा ने कहा कि स्तेफन नबियों की तरह मारा गया। वे येसु के समान हत्या के शिकार बने और यही कलीसिया के इतिहास में दुहराया जा रहा है।

इतिहास साक्षी है कि कई निर्दोष लोग मारे गये। ईश वचन द्वारा ईश्वर की वाणी के विद्रोही घोषित किये गये हैं। संत पापा ने अनेक संतों की याद की जो गलत न्याय के शिकार हुए हैं। उन्होंने विश्वासियों से प्रार्थना करने का आग्रह किया कि हम अपने हृदय की गलतियों को देख सकें।








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