2016-04-08 14:34:00

बिहार में शराब पर प्रतिबंध का कलीसिया ने की सराहना


पटना, शुक्रवार 8 अप्रैल 2016 (ऊकान): बिहार सरकार ने अप्रैल माह से शराब के उत्पादन और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम को, कलीसियाई अधिकारियों और महिला समूहों ने सहर्ष स्वीकार किया है  

पटना महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष विलियम डिसूजा ने कहा, "वास्तव में यह एक साहसी कदम और परिवारों के लिए एक बड़ा वरदान है। यह न केवल समाज में अपराधिक गतिविधियों और दुर्घटनाओं को कम करेगा बल्कि परिवारिक और सामाजिक जीवन को बेहतर बनाने हेतु बढ़ावा देगा।" उन्होंने यह भी कहा कि पवित्र ख्रीस्तयाग में प्रयोग किए जाने वाले दाखरस पर प्रतिबन्ध नहीं है।

मुख्यमंत्री नितीश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार ने 31 मार्च को बिहार उत्पादन शुल्क संशोधन विधेयक को पारित किया और 5 अप्रैल से शराब पर पूर्णरुपेण प्रतिबंध को लागू किया। अवैध शराब के उत्पादन या व्यापार करने वालों के लिए कानून के तहत मौत की सज़ा जैसे कठोर दंड का प्रावधान है

राज्य भर में सैकड़ों महिला समूहों, विशेषकर कलीसियाओं द्वारा आयोजित संगठनों की महिलाओं ने शराब पर प्रतिबंध लगाने के लिए आंदोलन किया था। उनके अनुसार गरीबी, घरेलू हिंसा और परिवारों में महिलाओं के उत्पीड़न का मूल कारण शराब था।

बक्सर शहर के पास कृतपुरी में महिला सशक्तिकरण केंद्र चलाने वाली धर्मबहन किरण ने कहा, " राज्य चुनाव से पहले, मैं अपनी महिलाओं से कहा करती थी हम उस व्यक्ति के लिए मतदान करेंगे, जो शराब पर प्रतिबंध लगाएगा। मुख्यमंत्री नितीश ने वादा किया और हमारी महिलाओं ने उन्हें वोट देकर जीत दिलाई।"

40 साल पहले बिहार सरकार द्वारा शराब पर प्रतिबंध का प्रयास असफल होने के बाद, यह दूसरा प्रयास है। बिहार के अलावा  केवल गुजरात ही एक ऐसा राज्य है जहाँ  शराब पर पूर्णतः प्रतिबंध है। कई अन्य राज्यों में आंशिक प्रतिबंध लगाया गया है।








All the contents on this site are copyrighted ©.