वाटिकन सिटी, शनिवार, 2 अप्रैल 2016 (वीआर सेदोक): दिव्य करुणा रविवार को कलीसिया जब पास्का का दूसरा रविवार मना रही है उसके पहले दिन संत पापा ने एक ट्वीट संदेश प्रेषित कर करुणामय बनने का अर्थ समझाया। उन्होंने लिखा, ″करुणामय बनने का अर्थ है सच्चा साहसी तथा निःस्वार्थ प्रेमी बनने सीखना।″
ज्ञात हो कि दिव्य करुणा के उपलक्ष्य में शनिवार संध्या को छः बजे संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में जागरण प्रार्थना होगी तथा रविवार को 10 बजे समारोही ख्रीस्तयाग अर्पित किया जाएगा।
जागरण प्रार्थना के दौरान संत पापा करुणावान पिता से प्रार्थना करेंगे क्योंकि वे प्रत्येक मनुष्य के लिए मुक्ति के वरदान प्रदान करते हैं। वे उन ख्रीस्तीयों के लिए भी प्रार्थना करेंगे जो अत्याचार के शिकार हो रहे हैं, विश्वास में कमजोर हैं, आशा खो चुके हैं, जो प्रेम करना नहीं जानते और ऐसे ख्रीस्तीयों के लिए जो दुनियावी मानसिकता के गुलाम हैं।
संत पापा सभी परिवारों और दम्पतियों पर ईश्वर की करुणा को नवीकृत करने के लिए भी प्रार्थना करेंगे। वे घायल एवं शोषित बच्चों, आशामय युवाओं तथा परित्यक्त वयोवृद्धों की भी याद करेंगे क्योंकि ईश्वर अविश्वासियों, हिंसकों, घृणा बोने वालों तथा मानव प्रतिष्ठा का हनन करने वालों तक भी अपनी दया के साथ पहुँच सकते हैं तथा पीड़ित लोगों को सांत्वना प्रदान करते हैं।
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