2016-03-29 11:54:00

लाहौर पास्का बम हमले की कलीसिया ने की निन्दा


लाहौर, मंगलवार, 29 मार्च 2016 (ऊका समाचार): पाकिस्तान के लाहौर में 27 मार्च को पास्का महापर्व के दिन किये गये आत्मघाती बम हमले की कलीसियाई अधिकारी फादर मॉरिस जलाल ने कड़ी निन्दा की है जिसमें कम से कम 72 लोगों की मृत्यु हो गई थी तथा लगभग 300 व्यक्ति घायल हो गये हैं।

लाहौर के काथलिक टेलेविज़न चैनल के निर्देशक फादर मॉरिस जलाल ने इस हमले के शिकार लोगों के प्रति गहन दुःख व्यक्त किया तथा सभी से प्रार्थना की अपील की।

उन्होंने कहा, "यह बहुत ही दुखद घटना है, हमारे आस-पास जो हो रहा है उसके लिये हम केवल प्रार्थना कर सकते हैं तथा इस घृणित कृत्य की निन्दा करने के सिवाय और कुछ नहीं कर सकते हैं।" 

तालेबान चरमपंथी इस्लामिक दल "ताहरीक-इ-तालीबान पाकिस्तान जमात्तुल आहरार" ने लाहौर के गुलशन-ए-इकबाल पार्क में किये गये बम धमाके की ज़िम्मेदारी ली है। आतंकवादी दल ने यह भी कहा कि उसका निशाना ख्रीस्तीय लोग थे जो पास्का मना रहे थे।

मृतकों में 29 बच्चे एवं सात महिलाएं शामिल हैं। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। हालांकि, हमलावरों का निशाना ख्रीस्तीय धर्मानुयायी थे, इस हमले में ख्रीस्तीयों के साथ-साथ कई मुसलमान भी मारे गये हैं।

निर्दोष लोगों पर किये गये इस आक्रमण की अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर निन्दा की जा रही है। सोमवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने स्वर्ग की रानी आनन्द मना प्रार्थना के अवसर पर इस हमले को घृणित एवं कायरतापूर्ण कृत्य निरूपित कर इसकी कड़ी निन्दा की थी।

इसी बीच, अन्तरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता सम्बन्धी अमरीकी आयोग की डॉ. कथरीना लानतोस स्वेत्त ने इसे हृदयविदारक घटना निरूपित कर कहा, "हम इस ईस्टर आक्रमण से भयभीत हैं जिसमें इतने अधिक लोगों की जानें चली गई हैं।"

उन्होंने कहा, "बम विस्फोट के शिकार बने सभी परिवारों के प्रति और, विशेष रूप से, इस आक्रमण में निशाना बनाये गये पाकिस्तान के सम्पूर्ण ख्रीस्तीय समुदाय के प्रति हम सहानुभूति दर्शाते हैं।"

डॉ. स्वेत्त ने कहा, "यह हमला इस बात का द्योतक है कि पाकिस्तान धार्मिक स्वतंत्रता और, विशेष रूप से, देश के लुप्तप्राय अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सम्बन्धी चुनौती का सामना कर पाने में असमर्थ है।"








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