2016-03-29 11:46:00

अपहृत पुरोहित की रिहाई हेतु प्रयासों का सरकार ने दिया आश्वासन


कोची, मंगलवार, 29 मार्च 2016 (ऊका समाचार): भारतीय सरकार ने कहा है कि वह यमन में मार्च माह के आरम्भ में अपहृत साईशियन धर्मसमाजी पुरोहित की रिहाई का सक्रिय प्रयास कर रही है।

गुड फ्राईडे के दिन अपहृत पुरोहित फादर थॉमस उज़्झुन्नालिल को क्रूस पर ठोंके जाने की अपुष्ट ख़बरों के प्रकाश में आने के उपरान्त भारतीय सरकार ने यह वकतव्य दिया।

भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 26 मार्च को एक ट्वीट पर लिखाः "सरकार के प्रयास जारी हैं। हम फादर थॉमस की रिहाई के हर सम्भव प्रयास कर रहे हैं।"

27 मार्च को "द वाशिंगटन टाईम्स" की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि कथित इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने फादर थॉमस को शुक्रवार 26 मार्च को गुड फ्रईडे के दिन क्रूस पर ठोंक कर मार डाला था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि ऑस्ट्रिया के कार्डिनल शोनबोर्न ने पास्का जागरण याग के अवसर पर क्रूसीकरण की पुष्टि भी कर दी थी।

भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के उप महासचिव फादर जोसफ चिन्नायान ने सोमवार 28 मार्च को ऊका समाचार से कहा कि उन्होंने कलीसिया तथा सरकार के सभी यथार्थ सूत्रों से सम्पर्क किया है किन्तु "अब तक क्रूसीकरण की बात का कोई आधार नहीं मिला है।" मंत्री स्वराज से बातचीत का भी उन्होंने ज़िक्र किया।

बैंगलोर में साईलिश्यन धर्मसमाज प्रवक्ता फादर मैथ्यू वालारकोटो ने कहा कि सरकार का वकतव्य दर्शाता है कि फादर थॉमस उज़्झुन्नालिल को किसी प्रकार की क्षति नहीं पहुँचाई गई है।

यमन के बन्दरगाह शहर एडेन में चार मार्च को संदिग्ध इस्लामी आतंकवादियों ने मदर तेरेसा की धर्मबहनों द्वारा संचालित एक नर्सिग होम पर गोलियाँ चला दी थीं जिसमें 16 व्यक्तियों की हत्या हो गई थी तथा फादर थॉमस उज़्झुन्नालिल का अपहरण कर लिया गया था।

56 वर्षीय फादर थॉमस उज़्झुन्नालिल केरल के मूल निवासी हैं तथा बैंगलोर साईलिशियन धर्मसमाजी प्रान्त के सदस्य हैं।








All the contents on this site are copyrighted ©.