2016-03-24 12:10:00

प्रेरक मोतीः सन्त दिसमास या दमाकुस (पहली शताब्दी) (25 मार्च)


वाटिकन सिटी, 25 मार्च सन् 2016:

25 मार्च को सन्त दिसमास या सन्त दमाकुस का स्मृति दिवस मनाया जाता है। दमाकुस उन दो डाकुओं में भला डाकू था जो प्रभु येसु मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ाये गये थे।

रोमी शहादतनामे में इन शब्दों को हम पढ़ते हैं: "येरूसालेम में भले डाकू का स्मरणोत्सव मनाया जाता है जिसने प्रभु येसु ख्रीस्त को क्रूस पर स्वीकार किया तथा जो उनके मुख से ये शब्द सुनने के योग्य ठहराया गया, "यह निश्चित्त जानो, आज ही तुम मेरे साथ अदन में होगे।" रोमी शहादतनामे में लिखे इन शब्दों के अतिरिक्त दमाकुस के विषय में हमें और अधिक जानकारी नहीं है।

सन्त लूकस रचित सुसमाचार के 23 वें अध्याय के 39 से लेकर 40 तक के पदों में हम पढ़ते हैं: "क्रूस पर चढ़ाये हुए कुकर्मियों में एक इस प्रकार ईसा की निन्दा करता था, ''तू मसीह है न? तो अपने को और हमें भी बचा।'' पर दूसरे ने उसे डाँट कर कहा, ''क्या तुझे ईश्वर का भी डर नहीं? तू भी तो वही दण्ड भोग रहा है। हमारा दण्ड न्यायसंगत है, क्योंकि हम अपनी करनी का फल भोग रहे हैं; पर इन्होंने कोई अपराध नहीं किया है।'' तब उसने कहा, ''ईसा! जब आप अपने राज्य में आयेंगे, तो मुझे याद कीजिएगा"। उन्होंने उस से कहा, "मैं तुम से यह कहता हूँ कि तुम आज ही परलोक में मेरे साथ होगे"। 

पूर्वी रीति की कलीसियाएँ भले डाकू को दमाकुस के नाम से तथा पश्चिम की कलीसियाएँ दिसमास के नाम से जानती हैं। सन्त दिसमास की स्मृति 25 मार्च को मनाई जाती है।

चिन्तनः पश्चाताप कर प्रभु से क्षमा याचना करनेवाला पापी भी ईश्वरीय अनुग्रह का पात्र बनता तथा मनपरिवर्तन का वरदान पाता है।








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