2016-03-17 15:54:00

आशा, विनम्रता एवं दृढ़ता का एक महान सदगुण


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 17 मार्च 2016 (वीआर सेदोक): ″ख्रीस्तीय आशा विनम्रता और दृढ़ता का एक सदगुण है जो हमें बल प्रदान करती तथा जीवन की कठिनाईयों में डूबने नहीं देती है।″ यह बात संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में बृहस्पतिवार 17 मार्च को, ख्रीस्तीयाग अर्पित करते हुए प्रवचन में कही।

प्रवचन में संत पापा ने उत्पति ग्रंथ से लिए गये पाठ पर चिंतन किया जहाँ अब्राहम के अज्ञात देश जाने की घटना का जिक्र है। उन्होंने कहा कि सुसमाचार ख्रीस्तीय जीवन के मूल सदगुण आशा पर प्रकाश डालता है। अब्राहम हमेशा आशावान बने रहे एवं प्रभु पर विश्वास किया तथा उनके आदेशों का पालन किया जिसके कारण अज्ञात देश जाने से भी नहीं कतराया। 

संत पापा ने कहा, ″आशा हमें आगे ले चलती तथा आनन्द प्रदान करती है। यह एक धागा के समान है जो पूरे मानव मुक्ति इतिहास को एक सूत्र में बांधती है।″

संत पापा ने ख्रीस्तीय आशा की विशेषता बतलाते हुए कहा, ″आज कलीसिया आशा के आनन्द के बारे बतलाती है। जब मानवीय आशा समाप्त हो जाती है तब भी एक आशा हमें आगे ले चलती है। यह है आशा के विपरीत आशा जो विनीत एवं सरल है किन्तु आनन्द प्रदान करती है तथा हमें कभी निराश नहीं करती।″ 

संत पापा ने गर्भवती एलिजाबेथ का उदाहरण दिया जो मरियम से मुलाकात में आनन्द से भर उठी थी तथा उस ईश्वर की उपस्थिति का एहसास किया था जो अपने लोगों के साथ चलते हैं।

संत पापा ने कहा, ″जहाँ आनन्द नहीं है वहाँ शांति भी नहीं होती किन्तु आशा एक ऐसा सदगुण है जो आनन्द और शांति दोनों प्रदान करती है।″  

मुक्ति इतिहास में जब ईश प्रजा निर्वासित थी तब उसी आशा ने लोगों को निराश होने से बचाया। संत पापा ने कहा कि हमारी बुरी परिस्थितियों एवं अंधकारमय पलों में आशा ही हमें शांति प्रदान कर सकती है।

 








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