2016-03-14 15:36:00

संत पापा फ्राँसिस की अद्वितीय ऊर्जा का रहस्य


वाटिकन सिटी, सोमवार, 14 मार्च 2016, (सेदोक), वेस्टमिनिस्टर के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल विन्सेंट निकोलस इंग्लैण्ड और वेल्स काथलिक कलीसिया के अधिकारी ने काथलीक कलीसिया के सार्वभौमिक गुरु संत पापा के तीन वर्षींय कार्यकाल की वर्षगाँठ पर कलीसिया में उनके के प्रभाव और तीन वर्षो के मुख्य विन्दुओं का आकलन किया।

उन्होंने कहा कि उन्हें संत पापा की अद्वितीय ऊर्जा, सुसमाचार का जीवंत प्रस्तुतिकरण और उनकी सम्पूर्ण, हृदयस्पर्शी उपस्थिति अचम्भित करती है। उन्होंने कहा कि मेरा यह पूर्ण विश्वास है कि उनकी ऊर्जा का राज ईश्वर के साथ गहरा संबंध है। “उनके उम्र के लिहाज से ऐसी ताजगी और शक्ति व्यक्ति को ईश्वर के सिवाय और कोई नहीं दे सकता जिसे उन्होंने इन तीन सालों से बरकरार रखा है।” कार्डिनल ने बतलाया कि कैसे संत पापा प्रभु के संदेश के प्रति निष्ठावान हैं और उनकी चिंता विशेषकर जो समाज के हाशिए पर हैं, “दुनिया को मोहित और कब्जे में कर लेती है।”

परमधर्मापीठीय कार्यप्रणाली में उनके परिवर्तन के सवालों का जवाब देते हुए कार्डिनल ने कहा कि यह परमधर्मपीठ का नवीकरण नहीं है जैसे हममें से कुछ विश्वास करते हैं। संत पापाओं की कार्य प्रणाली में हमेशा से निरन्तरता रही है जो हर नये पदधारी की एक नवीनता और विशिष्टता है।

कलीसिया की चुनौतियों के बारे में उन्होंने कहा कि करूणा के जयन्ती वर्ष में संत पापा की तीव्र अभिलाषा लोगों को प्रेरित करना है कि “करूणा सचमुच में ख्रीस्तीय जीवन का एक केन्द्रबिन्दु बने।” उन्होंने कहा, “वे इसे हमारे लिए कलीसिया की सबसे बड़ी चुनौती के रूप में रखते हैं।”  

विदित हो कि संत पापा, जॉर्ज वेरगोलियो आर्जेटीना के भूतपूर्व कार्डिनल थे, 13 मार्च 2013 को वाटिकन के छज्जे से निकल कर उन्होंने लोगों के अचम्भित कर दिया था। वे लातीनी अमेरीका और येसु धर्म समाज के पहले संत पापा हैं।








All the contents on this site are copyrighted ©.