2016-03-10 15:13:00

मिशनरीस ऑफ चैरीटी की सिस्टर सैली सदमे में


यमन, बृहस्पतिवार, 10 मार्च 2016 (एशियान्यूज़): ″मैंने उस धर्मबहन से मुलाकात की जो हिंसक आक्रमण से बच गयी है। उसकी दिमागी हालत ठीक है। जैसे एक व्यक्ति से आशा की जा सकती है वह अब भी सदमे में है। वह अपनी अग्नि परीक्षा से थक चुकी है किन्तु शारीरिक रूप से सुस्वस्थ है।″ यह बात दक्षिणी अरेबिया के अपोस्तोलिक विकर मोन्सिन्योंर पौल हिंडर ने एशियान्यूज़ से कही।

ज्ञात हो कि अपोस्तोलिक विकर ने 4 मार्च को अदन में, मिशनरीस ऑफ चैरिटी की धर्मबहनों पर हुए आक्रमण में एकमात्र बची धर्मबहन सैली से मुलाकात की। जहाँ वे वयोवृद्धों एवं विकलांगों की सेवा कर रही थीं। घटना के दौरान भारत के 56 वर्षीय फादर टोम उज़हून्नलिल का भी अपहरण हो गया है।

उन्होंने कहा, ″जो धर्मबहन चरमपंथियों के आक्रमण से बच गयी है वह सुरक्षित स्थान में भेज दी जायेगी जहाँ वह धर्मसंघ की सुपीरियर को सौंप दी जायेगी।″

उन्होंने कहा कि यद्यपि वह अभी सुरक्षित है किन्तु उसे न केवल शत्रुओं एवं आक्रमण के उस भयंकर अनुभव से सुरक्षा प्रदान करना है किन्तु पत्रकारों एवं उन जिज्ञासु लोगों से भी बचाना है जो उन्हें घटना की जानकारी हेतु परेशान कर सकते हैं। उसे अभी आराम तथा शांति और शांत वातावरण की आवश्यकता है।

उन्होंने फादर टोम के बारे कहा कि उनके बारे कुछ भी स्पष्ट जानकारी नहीं है जबकि लोग कई तरह की बातें कर रहे हैं। अतः हमें अफवाह की बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।

अपोस्तोलिक विकर ने धर्मबहनों के प्रति लोगों के विचार बतलाते हुए कहा, ″मैं जानता हूँ कि यमन में कई लोग इस परिस्थिति से हताश हो चुके हैं और अब धर्म बहनों पर हुए इस आक्रमण ने उन्हें बहुत अधिक निराश कर दिया है क्योंकि धर्मबहनों की उपस्थिति से लोग खुश थे।″ उन्होंने बतलाया कि आक्रमण के बाद अधिकारी और आम दोनों ही तरह के लोग सांत्वना देने आये। छोटे चरमपंथी दलों के सिवाय कोई उनसे उपेक्षा की भावना नहीं रखता था।








All the contents on this site are copyrighted ©.