2016-03-02 14:50:00

शाहबाज भट्टी की 'शहादत' हेतु सबूत जमा करने की प्रकिया जारी


इस्लामाबाद, बुधवार, 2 मार्च 2016, (सेदोक) पाकिस्तान की काथलिक कलीसिया ने पाकिस्तानी अल्पसंख्यक मामलों के पूर्व मंत्री शाहबाज़ भट्टी की पाँचवी पुण्यतिथि की याद में उन सबूतों को जमा करना शुरु कर दिया है जो धर्मप्रांतीय स्तर पर शाहबाज़ भट्टी को शहीद घोषित करने की प्रक्रिया शुरु करने में सहायक होगी। इनकी हत्या 2 मार्च 2011 को कर दी गई थी।

इस्लामाबाद धर्मप्रांत के “शांति और न्याय” आयोग में कार्यरत फादर जोन विलियम ने फीदेस समाचार को बताया कि इस्लाम धर्म में जो भी अपने विश्वास के लिए मरता है वह एक शहीद है। हमारी काथलिक कलीसिया में यह प्रक्रिया लम्बी है लेकिन मृत्यु के पाँच वर्ष बाद धर्मप्रांतीय स्तर पर जाँच प्रक्रिया शुरु की जा सकती है अतः धर्मप्रांत में सबूतों को जमा करने की प्रकिया जारी है। इस्लामाबाद के धर्माध्यक्ष ने अपनी सहमति दी है और इन्होंने फैसलाबाद धर्मप्रांत को भी शामिल किया, जहाँ शाहबाज़ भट्टी ने अपना जीवन बिताया था। फादर विलियम ने कहा, इस्लामाबाद के धर्माध्यक्ष रुफिन अन्तोनी शाहबाज़ भट्टी के गाँव से हैं तथा वे भट्टी के परिवार और स्थानीय परिवेश से भली भांति वाकिफ़ हैं। पाकिस्तान की काथलिक कलीसिया उम्मीद करती है कि यह जाँच की प्रक्रिया जारी रहेगी क्योंकि भट्टी की स्मृति आज भी जिन्दा है।

फैसलाबाद के फादर बोनी मेनदेस ने जो शाहबाज़ भट्टी को बचपन से जानते थे, फीदेस समाचार को बताया कि पाकिस्तान में हम ईसाई, येसु मसीह के सुसमाचार को जीने और गवाही देने के लिए बुलाए गये हैं अर्थात हम शांति के वाहक बनें, येसु के क्रूस को स्वीकारते हुए बुराई के बदले भलाई करें। भट्टी के पिता ने उसे मरते क्षण तक विश्वासी बने रहने की शिक्षा दी थी। भट्टी ने अपने जीवन में यह कर दिखाया।

गौरतलब है कि शाहबाज़ भट्टी ईशनिंदा कानून के विरोधी थे। उन्होंने आसिया बीबी का समर्थन किया था। आसिया बीबी पैगम्बर मोहम्मद का अपमान करने की दोषी ठहराई गई थी और 8 नवम्बर 2009 को उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी।








All the contents on this site are copyrighted ©.