2016-02-27 16:36:00

व्यवसाय की दुनिया में एक साथ काम करने का महत्व


वाटिकन सिटी, शनिवार, 27 फरवरी 2016 (वीआर सेदोक): ″प्रिय मित्रो, आपकी एक महान बुलाहट है धन का सृजन तथा सभी लोगों के लिए एक बेहतर विश्व का निर्माण करना। आप सार्वजनिक हित का निर्माण करने एवं कार्यों को मानव के हित में प्रोत्साहित करने के लिए बुलाये गये हैं।″ यह बात संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 27 फरवरी को वाटिकन स्थित पौल षष्ठम सभागार में व्यवसाय की दुनिया से जुड़े 7,000 प्रतिनिधियों से कही।  

संत पापा ने व्यवसाय की दुनिया में एक साथ काम करने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ″एक साथ काम करना इस बात की अभिव्यक्ति है कि आप एक अगुवे एवं दिशानिर्देश के रूप में चुने गये हैं, ताकि उत्तरदायित्व की आम भावना से प्रेरित होकर, संबंध स्थापित करने का रास्ता तैयार करने हेतु प्रेरित करें, सहयोग दें तथा साझा करें।″ यह नयी रणनीति, शैली तथा नवीन भावनाओं के लिए रास्ता बनाना है। संत पापा ने कहा कि यदि हम प्रत्येक दिन एक साथ काम करने, विचार एवं निर्माण करने सीख जायेंगे तो कितना अधिक परिवर्तन आ जायेगा। 

संत पापा ने ‘एक साथ काम करने’ का अर्थ बतलाते हुए कहा कि इस जटिल दुनिया के उपक्रम में एक साथ काम करने का अर्थ है एक ऐसी परियोजनाओं में निवेश करना जिसमें भुलाये गये तथा उपेक्षित लोग शामिल हो सकें। हमें सबसे पहले परिवार तथा मानवता के प्रादुर्भाव पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसमें जो लाभ अर्जित किया जाता है वह अर्थ और मूल्य का है। परिवारों के साथ हम उन्हें भी नहीं भूल सकते हैं जो सबसे कमजोर तथा हाशिये पर जीवन यापन कर रहे हैं और ऐसे युवा जो कैदी हैं तथा लम्बे समय से बेरोजगार हैं।

संत पापा ने कहा कि ये सभी वास्तविकताएँ एक साथ कम्पनी में अनेक परिवर्तन ला सकते हैं जिससे कि व्यक्ति पर ध्यान केंद्रित किया जाए तथा अधिक न्यायपूर्ण समाज के निर्माण हेतु समर्पण को महत्व दिया जाए। उन्होंने कहा कि व्यक्ति पर ध्यान केंद्रित करना कई महत्वपूर्ण निर्णय लेने में मदद करेगा। एक साथ काम करने का अर्थ कार्य का संचालन एक व्यक्ति की प्रतिभा पर आधारित न होकर कई लोगों के आपसी सहयोग पर आधारित होना है।

संत पापा ने प्रतिनिधियों का आह्वान करते हुए कहा कि वे व्यावसायिकता की रक्षा करने के लिए बुलाये गये हैं और साथ ही उस परिस्थिति पर ध्यान देने के लिए जहाँ कार्य किये जाते हैं ताकि दुर्घटना तथा असुविधाजनक परिस्थिति उत्पन्न न हो। संत पापा ने कहा कि उनका रास्ता हमेशा न्याय का हो जो सिफ़ारिशों और पक्षपात को दूर करे तथा बेईमानी और आसान समझौता के खतरनाक विचलन से बचाये क्योंकि न्याय के बिना कोई स्वतंत्रता नहीं है और व्यक्ति की प्रतिष्ठा के बिना कोई न्याय नहीं है अतः इसका श्रेष्ठतम नियम है दूसरों की प्रतिष्ठा का ख्याल रखना।  संत पापा ने सभी प्रतिनिधियों को उनके समर्पण एवं अच्छे कार्यों के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।








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