भुवनेश्वर, शनिवार, 27 फरवरी 2016,( एशिया समाचार) उड़ीसा के सामाजिक कार्यकर्ताओं, कानूनी विशेषज्ञों, वकीलों, बुद्धिजीवियों, लेखकों और कलाकारों ने मिलकर ईसाई विरोधी हिंसा के खिलाफ "जानकारी का एक प्रामाणिक स्रोत" की पहली वेबसाइट www.kandmal.net की शुरुआत 24 फरवरी को की।
फादर अजय कुमार सिंह जो नए वेबसाइट बनाने वालों में से एक हैं, ने एशिया समाचार को बताया कि इस वेबसाइट का लक्ष्य भारत के ईसाई समुदाय के खिलाफ हिंसा और नरसंहार के पीड़ितों के लिए न्याय और पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए विशेषकर उड़ीसा और संघीय सरकारों के प्रशासन की अक्षमता पर ध्यान आकर्षित करने हेतु है। यह वेबसाइट "सूचना, आंकड़ा और कानूनी दस्तावेजों का एक प्रामाणिक स्रोत होगा जिससे कानूनी सहायता समूहों और शोधकर्ता इसका इस्तेमाल हिंसा से बचे लोगों की मदद के लिए कर सकेंगे।
फादर सिंह ने बताया कि राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने, न्यायाधीश नायडू और पाणिग्रही दो जांच आयोगों को नियुक्त किया है। इन्होंने 2015 के अंत में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत किया है पर अभी तक उन दस्तावेजों को लोगों के सामने प्रस्तुत नहीं किया गया है।
जनवरी 2016 के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, 3,232 शिकायतों दर्ज की गयी थी; इनमें
से केवल 827 शिकायतें अधिकारिक तौर पर दर्ज किए गए थे और पुलिस ने केवल 512 मामलों में
बचाव पक्ष का आंकड़ा एकत्र किया है। हत्या की पुष्टि की 30 घटनाओं में से केवल दो अपराधियों
को सजा मिली है।
विदित हो कि 23 अगस्त 2008 में एक माओवादी समूह द्वारा कंधमाल जिले में हिन्दू नेता
स्वामी लक्ष्मानन्दा की अपने आश्रम में हत्या कर दी गई । हालंकि माओवादियों ने स्वामी
की हत्या की पूरी जिम्मेदारी अपने उपर ली थी। जबकि हिन्दू चरमपंथियों ने हत्या का दोष
ख्रीस्तीयों पर लगाया। और उन पर हिंसक हमले किए। अनेक महिलाएँ सामूहिक बलात्कार का शिकार
हुईं। करीब 101 लोगों की निर्मम हत्या की गयी थीं तथा हिन्दू धर्म अस्वीकार करने पर
56,000 लोगों को विस्थापित हो कर जंगलों में शरण लेना पड़ा। करीब 6,500 घरों तथा 395
गिरजाघरों को नष्ट कर दिया गया था।
All the contents on this site are copyrighted ©. |