2016-02-25 15:47:00

मृत्यु दण्ड समाप्त करने हेतु संत पापा की अपील पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया


लाहौर, बृहस्पतिवार, 25 फरवरी 16 (एशियान्यूज़): करुणा की जयन्ती के उपलक्ष्य में मृत्यु दण्ड समाप्त करने हेतु संत पापा फ्राँसिस की अपील का पाकिस्तान में मिश्रित प्रतिक्रिया दिखाई पड़ रही है। यह अपील एक ओर मानव अधिकार संगठन, संयुक्त राष्ट्र संघ तथा स्थानीय कलीसियाओं को एक साथ जोड़ रही है तो दूसरी ओर, कुछ पाकिस्तानी सांसदों तथा इस्लामिक नेताओं ने इसका विरोध भी किया है।

गौरतलब है कि पाकिस्तान ने सात सालों के प्रतिबंध के बाद, मृत्यु दण्ड को मार्च 2015 में पुनः लागू किया है जब पेशावर के एक मिलीडरी स्कूल में हिंसक आक्रमण में 132 विद्यार्थियों की मृत्यु हो गयी थी। उस समय से लेकर अब तक 351 लोगों को फाँसी की सज़ा दी जा चुकी है और जिसके कारण पाकिस्तान साऊदी अरब और ईरान के बाद फाँसी का सज़ा देने वाला तीसरा बड़ा देश बन गया है।

मृत्यु दण्ड को समाप्त करने की अपील संत पापा ने उस समय की थी जब उन्होंने रविवार को देवदूत प्रार्थना हेतु संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्र तीर्थयात्रियों को अपना संदेश दिया था। उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे मौत की सजा के उन्मूलन के लिए एक अंतरराष्ट्रीय आम सहमति को प्राप्त करें।

पाकिस्तान के संयुक्त धार्मिक प्रयासों के स्थानीय संयोजक फादर जेम्स कनान ने कहा, ″संत पापा की यह अपील हमारे देश के लिए काफी उपयुक्त है। इस बात को समाचार पत्रों ने बृहद स्तर पर प्रकाशित किया था और जिसके कारण अधिकतर लोगों ने इसे पढ़ लिया है।

उन्होंने कहा कि तालीबान के विरूद्ध सैनिक कार्रवाई, न कि मृत्यु दण्ड से आतंकी घटनाओं में कमी आई है। सरकार को राजनीतिक, धार्मिक तथा आर्थिक सभी कारणों पर ध्यान देना चाहिए। उन्हें शिक्षा की कमी एवं बेरोजगारी दूर करने का प्रयास करना चाहिए जिनसे आतंकवाद को प्रोत्साहन मिलता है।

हाल के एक सर्वेक्षण से पता चलता है कि पाकिस्तान के 92 प्रतिशत लोग आतंकियों को फाँसी की सज़ा दिये जाने का समर्थन करते हैं। 

नेशनल असेम्बली के सदस्य साजिद नावाज खान ने एशियान्यूज़ से कहा, ″संत पापा की अपील एक अंतरराष्ट्रीय दबाव है।″ उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ऐसा कहने से बचना चाहिए। हम मुसलमान हैं और हम अपने कानून का पालन करेंगे। मृत्यु दण्ड एक मामूली बात है। जो बच्चों की हत्या करते हैं उन्हें कठोर दण्ड मिलना चाहिए।″








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