2016-02-16 12:12:00

चियापास में निर्धन देशज जातियों के बहिष्कार की सन्त पापा फ्राँसिस ने की निन्दा


सान क्रिस्टोबाल दे लास कासास, मंगलवार, 16 फरवरी 2016 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने मेक्सिको के दक्षिणी प्रान्त चियापास में निर्धन देशज जातियों से मुलाकात कर समाज से उनके "क्रमबद्ध" बहिष्कार की कड़ी निन्दा की।

मेक्सिको सरकार द्वारा 2014 में प्रकाशित आँकड़ों के अनुसार राष्ट्र की 46 प्रतिशत आबादी निर्धनता में जीवन यापन कर रही है। चियापास प्रान्त में निर्धनों की संख्या 76 प्रतिशत है जिनमें कम से कम 32 प्रतिशत निपट निर्धनता में जीवन यापन को बाध्य हैं।   

विश्वव्यापी काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा फ्राँसिस मेक्सिको में अपनी 06 दिवसीय प्रेरितिक यात्रा के तीसरे चरण में पहुँच चुके हैं। विगत शुक्रवार को क्यूबा में रूसी ऑर्थोडोक्स कलीसिया के शीर्ष प्राधिधर्माध्यक्ष किरिल के साथ मुलाकात से यह प्रेरितिक यात्रा आरम्भ हुई थी। यात्रा के दूसरे चरण में सन्त पापा ने मेक्सिको सिटी में ग्वादालूपे के मरियम तीर्थ पर ख्रीस्तयाग समारोह अर्पित किया तथा शहर के बाल चिकित्सालय की भेंट की और तीसरे चरण में मेक्सिको  के दक्षिणी क्षेत्र स्थित चियापास प्रान्त का दौरा किया।  

सोमवार, 15 फरवरी, को सन्त पापा ने चियापास प्रान्त के सान क्रिस्टोबाल दे लास कासास धर्मप्रान्त के विश्वासियों के लिये शहर के क्रीड़ागन में ख्रीस्तयाग अर्पित किया जिसमें लगभग एक लाख श्रद्धालु उपस्थित हुए। इस अवसर पर सन्त पापा फ्राँसिस ने चियापास की निर्धन देशज जातियों के साथ एकात्मता का प्रदर्शन करते हुए प्रान्त में बोली जानेवाली ज़ेलताल, ज़ोटज़िल एवं चोल भाषाओं में प्रार्थनाएँ अर्पित कीं।

वाटिकन ने प्रकाशित किया कि सन्त पापा फ्राँसिस ने मेक्सिको की जनजातियों को एक आदेशाज्ञप्ति अर्पित की है जिसके अनुसार पवित्र ख्रीस्तयागों के दौरान अज़तेक भाषा नाहुआतल के प्रयोग को अनुमोदन दिया गया है।

सोमवार के ख्रीस्तयाग में उक्त तीन भाषाओं के प्रयोग के सन्दर्भ में वाटिकन के प्रवक्ता फादर फेदरीको लोमबारदी ने पत्रकारों से कहा कि यह तथ्य कि इन तीन भाषाओं में प्रार्थनाएँ अर्पित की गई एवं बाईबिल पाठ पढ़े गये इस बात का संकेत है कि इन भाषाओं के प्रयोग की अनुमति है।

मेक्सिको की देशज जातियाँ अपने यहाँ सन्त पापा फ्राँसिस को पाकर गदगद हैं क्योंकि इससे उनकी संस्कृति तथा उनकी वास्तविकता पर विश्व का ध्यान आकर्षित होगा प्रायः जिसकी अवहेलना होती रही है।

सान क्रिस्तोबाल दे लास कासास में सोमवार को अर्पित ख्रीस्तयाग के दौरान पढ़े गये एक सन्देश में कहा गया कि अन्य अनेकों ने देशज जातियों को हाशिये पर रखा वहीं सन्त पापा फ्राँसिस उनके प्रति अभिमुख हुए हैं। ख्रीस्तयाग प्रवचन में सन्त पापा फ्राँसिस ने मेक्सिको की देशज जातियों के सदियों से जारी शोषण एवं सामाजिक बहिष्कार की कड़ी निन्दा की।    

ग़ौरतलब है कि मेक्सिको का चियापास प्रान्त सन् 1990 में, देशज लोगों के अधिकारों की मांग करनेवाले माया विद्रोहियों की ज़ापातिस्ता क्रान्ति का रंगमंच बना था। उस समय प्रान्त की 75 प्रतिशत देशज आबादी काथलिक धर्मानुयायी थी किन्तु इसके बाद आये प्रॉटेस्टेण्ट धर्मपन्थों के धर्मप्रचार के परिणामस्वरूप काथलिकों की संख्या 60 प्रतिशत तक घट गई है।








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