2016-02-10 12:09:00

पोमपेई की "कीपलेन्ट" पहल हेतु सन्त पापा फ्राँसिस का सन्देश


वाटिकन सिटी, बुधवार, 10 फरवरी 2016 (सेदोक): इटली के पोमपेई मरियम तीर्थ के युवा प्रेरितिक केन्द्र द्वारा चालीसाकाल के लिये बुधवार, 10 फरवरी को आरम्भ "कीपलेन्ट" पहल हेतु सन्त पापा फ्राँसिस ने अपना सन्देश प्रेषित कर युवाओं से आग्रह किया है कि वे चालीसाकाल को उचित रीति से मनाने के लिये वे ईश वचन पर मनन-चिन्तन करें।  

विश्वव्यापी काथलिक कलीसिया बुधवार, 10 फरवरी को प्रभु येसु मसीह के दुखभोग एवं क्रूस मरण की स्मृति में चालीसा काल आरम्भ कर रही है। इस अवधि के दौरान पोमपेई के युवा प्रेरितिक केन्द्र ने  "कीपलेन्ट" शीर्षक के अन्तर्गत एक पहल की शुरुआत की है जिसके तहत चालीसाकाल के दौरान प्रतिदिन सोशल नेटवर्क के द्वारा दिन का सुसमाचार तथा उसपर लघु चिन्तन प्रसारित किया जायेगा। इन सुसमाचार पाठों पर चिन्तन पोमपेई के महाधर्माध्यक्ष थॉमासो कापुतो के नेतृत्व में तैयार किये गये हैं।     

चालीसाकाल के प्रथम दिन यानि बुधवार, 10 फरवरी के सुसमाचार पाठ पर चिन्तन करते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने पोमपेई तथा सम्पूर्ण विश्व के युवाओं को दिये सन्देश में प्रभु येसु के शब्दों का स्मरण दिलाया जिनमें येसु अपने शिष्यों से कहते हैं, "सावधान रहो। लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिये अपने धर्मकार्यों का प्रदर्शन न करो... जब तुम दान देते हो, तो इसका ढिँढोरा नहीं पिटवाओ"... तुम्हारा दान गुप्त रहे, तुम्हारा पिता जो सबकुछ को देखता है, तुम्हें पुरस्कार देगा।"      

सन्त पापा ने कहा कि चालीसाकाल को योग्य रीति जीने के लिये ईश्वर का वचन उपयुक्त अभिमुखता प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि जब हम कोई भला काम करते हैं तब हममें यह प्रलोभन होता है कि इसके लिये हमारी सराहना की जाये, हम मानवीय महिमा की आशा करते हैं किन्तु ऐसी महिमा या ऐसा पुरस्कार मिथ्या है क्योंकि यह सांसारिकता की ओर अभिमुख रहता है, लोग हमारे बारे में क्या सोचते उसके प्रति चिन्तित रहता है। जबकि प्रभु येसु भलाई करने का आग्रह करते हैं, वे हमसे अनुरोध करते हैं कि हम मनुष्यों से सराहना प्राप्त करने के लिये नहीं अपितु ईश्वर की दृष्टि में भले कर्म करें।  

प्रभु येसु मसीह के दुखभोग के स्मरणार्थ मनाया जानेवाला, चालीसाकाल बुधवार,  10 फरवरी को राख बुधवार से आरम्भ हो गया है। इस दिन काथलिक गिरजाघरों में राख की धर्मविधि सम्पन्न की जाती है तथा काथलिक धर्मानुयायी अपने माथों पर राख रमाकर उपवास, परहेज़ एवं प्रार्थना का चालीसाकाल आरम्भ करते हैं। सन्त पापा फ्राँसिस बुधवार, सन्ध्या सन्त पेत्रुस महागिरजाघर में ख्रीस्तयाग अर्पित कर राख बुधवार की धर्मविधि सम्पन्न करेंगे।  








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