2016-02-09 12:11:00

क्षमा करते कभी न थकें, कैपुचिन धर्मसमाजियों से सन्त पापा फ्राँसिस


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 9 फरवरी 2016 (सेदोक): "क्षमा करते आप कदापि न थकें", वाटिकन स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर में, मंगलवार को, कैपुचिन धर्मसमाजी धर्मबन्धुओं के लिये ख्रीस्तयाग अर्पित कर सन्त पापा फ्राँसिस ने यह निवेदन किया।

कैपुचिन धर्मसमाजी धर्मबन्धुओं को सन्त पापा ने स्मरण दिलाया कि क्षमा करना उनकी परम्परा रही है जिसे वे अनवरत बरकरार रखें। उन्होंने कहा, "आपके बीच कई पापमोचक हैं जैसे धर्मबन्धु क्रिस्तोफोरो, जो इसलिये पापमोचक बन सके क्योंकि उन्होंने स्वीकार कि वे स्वयं भी पापी थे।" उन्होंने कहा, "यह जानते हुए वे पापी थे वे अनवरत ईश्वर के महान वैभव के आगे प्रार्थना करते रहे, "प्रभु मेरी सुन और मेरे पापों को क्षमा कर।"

सन्त पापा ने कहा कि कैपुचिन धर्मसमाजी धर्मबन्धु इसीलिये महान पापमोचक बन सके क्योंकि वे इस प्रकार प्रार्थना करना जानते थे और प्रार्थना के फलस्वरूप क्षमा करना जानते थे। इसके विपरीत, सन्त पापा ने कहा, "जब कोई व्यक्ति क्षमा की अनिवार्यता को भूल जाता है तब वह शनैःशनैः ईश्वर को भुला बैठता है, वह क्षमा याचना करना भूल जाता है तथा क्षमा करना नहीं जानता। वह व्यक्ति विनम्र है जो यह एहसास पा लेता है कि वह ख़ुद पापी है क्योंकि पापस्वीकार पीठिका में वही व्यक्ति महान पापमोचक सिद्ध होता है। जबकि, कानून और नियम के कथित रखवाले और धर्मशास्त्री अपने आप को "निर्मल, धर्मगुरु" आदि समझनेवाले केवल निन्दा करना जानते हैं।"

करुणा को समर्पित जयन्ती वर्ष की पृष्ठभूमि में सन्त पापा ने पापस्वीकार पीठिका का महत्व समझाया। उन्होंने कहा, "पापस्वीकार पीठिका का उद्देश्य क्षमा प्रदान करना है और यदि आप क्षमा नहीं दे सकते तो वार भी मत कीजिये। पापस्वीकार का इच्छुक व्यक्ति सान्तवना, क्षमा और शांति की खोज में आता है जिसे पिता सुलभ प्यार मिलना चाहिये, जो उससे कहे कि ईश्वर तुमसे प्रेम करते हैं। हालांकि, मुझे यह कहते हुए दुःख होता है कि पापस्वीकार के लिये आनेवाले अधिकांश लोग कहते हैं कि उन्हें पापस्वीकार करना अच्छा नहीं लगता क्योंकि उस पुरोहित ने मुझसे फलाँ सवाल किया, उस पुरोहित ने मुझे डाँटा आदि आदि।"

सन्त पापा ने कहा कि क्षमा में मनुष्यों को रूपान्तरित करने की शक्ति है इसलिये जिन लोगों को क्षमा प्रदान करने का मिशन सौंपा गया है वे उसे सत्य एवं समर्पण के साथ पूरा करें। उन्होंने कहा कि क्षमा वह बीज है जिसमें मनुष्यों के हृदयों में ईश्वर के प्रेम को प्रस्फुटित करने की शक्ति है।








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