2016-02-08 16:37:00

ब्रह्मचर्य जीवनः कल, आज और कल पर एक व्यख्यान,कार्डिनल पियेत्रो


वाटिकन सिटी, सोमवार, 8 फरवरी, 2016 (सेदोक),वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन ने शनिवार को ग्रेगोरियन परमधर्मपीठय  विश्वविद्यालय में आयोगित एक सभा के दौरान अनुकरणीय पुरोहितिक जीवन के संबंध में ब्रह्मचर्य जीवनः कल, आज और कल पर एक व्यख्यान दिया।

 अपने तैयार किये गये व्याख्यान में कार्डिनल ने कहा कि ब्रह्मचर्य अनुशासनत्माक जीवन है जो कलीसिया की ओर से कभी थोपा नहीं गया है। ब्रह्मचर्य का पालन लातीनी रीति की कलीसिया में केवल धर्माध्यक्षों एवं धर्मसमाजियों के लिये ही नहीं अपितु सभी पुरोहितों के लिये अनिवार्य है किन्तु कुछ लोगों का मत है कि लैटिन कलीसिया में अब समय आ गया है कि ब्रह्मचर्य को हटा दिया जाये, इस मत पर कार्डिनल पारोलीन ने अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा, "बुलाहट का संकट जब तक असंगत प्रतीत न हो तब तक जल्दबाज़ी में, अथवा, केवल वर्तमान ज़रूरतों के अनुकूल, निर्णय नहीं लिया जाना चाहिये।" 

उन्होंने कहा, "यह पहले से कहीं अधिक सच है कि कलीसिया के इतिहास एवं उसकी विविध परम्पराओं सहित, सुसमाचार उदघोषणा की अत्यावश्यकता वैध बहस के लिए संभावना को उदार रखती है, बशर्ते कि, यह सुसमाचार प्रचार से प्रेरित हो तथा ब्रह्मचर्य जीवन के चयन की उच्च गरिमा एवं सौन्दर्य की रक्षा करते हुए रचनात्मक तरीके से सम्पादित की जाये।    








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