2016-01-29 15:50:00

संत मार्था के मिस्सा बलिदान के दौरान संत पापा का प्रवचन


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 29 जनवरी 2016 (सेदोक) संत पापा फ्रांसिस ने वाटिकन स्थित संत मर्था के प्रार्थनालय में अपने प्रातःकालीन मिस्सा के दौरान प्रवचन में राजा दाऊद और बतशेबा की कहानी पर मनन किया।

संत पापा ने कहा कि हम कई तरह से पाप करते हैं लेकिन यदि हम ईश्वर से ईमानदारी पूर्वक क्षमा की याचना करते हैं तो वह निश्चय ही हमें क्षमा कर देता है। मुश्किल तब होती है जब कोई भष्ट हो जाता है क्योंकि भ्रष्ट व्यक्ति को क्षमा की आवश्यकता का अनुभव ही नहीं होता। उसे ईश्वर की आवश्यकता महसूस नहीं होती। दाऊद के साथ यही होता हैं जब उसे अपने सेना के एक अधिकारी उरिया की पत्नी बतशेबा से प्यार हो जाता है। यह जानने पर की बतशेबा गर्भवती हो गई है दाऊद ने ऊरिया को युद्ध के मैदान से बुलकर अपने घर भेजना चाहा जिसे वह अपनी गलती छुपा सके। ऊरिया एक ईमानदार सेवक को यह पसन्द था क्योंकि युद्ध मैदान में उनके सिपाही मारे जाये और वह अपनी पत्नी के साथ घर में अराम करे। दाऊद ने ऊरिया को नशा दिया जिससे वह सफल हो सके लेकिन उसे सफलता नहीं मिली।

इससे दाऊद को दुःख हुआ और उसने दूसरी तरकीब अपनाई और ऊरिया को युद्ध के जंग में मारवा डाला। दाऊद जो नियमों के प्रति, अपने लोगों के प्रति और राजा के रूप में ईमानदार था अपने ऊपर मौत की सज़ा को वहन करता  है।
 दाऊद एक संत है लेकिन वह एक पापी भी है। वह वासना में गिरा फिर भी ईश्वर ने उसे प्यार किया। वह सुऱक्षित महसूस करता है क्योंकि उनका राज्य विशाल है। लेकिन वह अपनी गलती छिपाने हेतु वह कई षडयंत्र रचता है। दाऊद के जीवन का यह क्षण हमें यही दिखलाता हैं कि हम जीवन में ऐसे ही चलते हैं यह पाप से भ्रष्टचार की ओर जाना है। यह दाऊद की शक्ति और ताकत है। यह भ्रष्टचार का पाप हमारे लिए सहज हैं क्योंकि हम कलीसियाई अर्थव्यवस्था और राजनीतिक रूप से शाक्तिशाली हैं। शैतान हमें यह एहसास दिलाता है कि मैं यह कर सकता हूँ।

भ्रष्टचार एक साहसी लड़के के हृदय को नाश कर देता है। संत पापा ने कहा कि मैं आज केवल इस बात पर जोर देना चाहता हूँ एक समय होता है जब पाप की स्थिति में भी सुरक्षित रहते हैं क्योंकि हमारे पास ताकत है, ऐसी स्थिति में हमारा “पाप” हमारे लिए पाप नहीं रह जाता और हम “भ्रष्ट”  हो जाते हैं। भ्रष्टचार का सबसे कुरुपतम रूप यह है कि वह क्षमा माँगने की आवश्यकता अनुभव नहीं करता। संत पापा ने कहा, “हम आज कलीसिया हेतु प्रार्थना करें, हम जो यहाँ उपस्थित हैं, संत पापा, धर्माध्यक्षों, पुरोहितों और समर्पित लोगों और लोकधर्मियों के लिए। लेकिन ईश्वर हमें बचाते हैं, हमें भ्रष्टचार से बचाये। प्रभु हम सब पापी हैं लेकिन हम भष्ट न हो, हमें यह कृपा दे।”

 








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