2016-01-29 15:16:00

गर्भ से स्वाभाविक मृत्यु तक मानवीय जीवन का सम्मान करें, संत पापा


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 29 जनवरी 2016, (सेदोक) संत पापा फ्राँसिस ने इटली के बायोएथिक समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि नौतिकता के मानवीय जटिल विषयों पर सच्चाई और अच्छाई की खोज में कलीसिया कैसे समाज के प्रयासों में अपना सहयोग देती है।

समुदाय को संबोधित करते हुए संत पापा ने कहा कि नैतिकता विषयों पर कलीसिया संवेदशील है कलीसिया इस विषय पर कोई विशेषाधिकार का दावा नहीं करती, लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमें मानवता को बनाये रखना है, हमें लोगों की सेवा करनी है, विशेषकर, समाज के लोगों की देखरेख करनी है जो अतिसंवेदनशील और दुर्बल हैं जो समाज में अपनी पहचान पाने हेतु प्रयासरत हैं।

इस मुद्दे पर उन्होंने कहा, कलीसिया और समाज को मिलकर अपने विशिष्ट कौशल से एक-दूसरे का सहयोग कहना है।

संत पापा ने बयोएथिक समुदाय के लोगो से कहा कि आप जीवन मानव गरीमा का सम्मान करते हुए गर्भ से लेकर स्वाभाविक मृत्यु तक इसकी रक्षा की है।

उन्होंने कहा, "चिकित्सा के क्षेत्र में जैविक प्रौद्योगिकी प्रयोगों का यह नैतिक सिद्धांत जटिल है, जिसका उपयोग मानवीय गरिमा को हानि पहुँचाने हेतु कभी नहीं किया जा सकता है और न ही इसका उपयोग औद्योगिक या वाणिज्यिक प्रयोजनों के ध्येय मात्र से किया जा सकता है।

संत पापा ने जोर देत हुए कहा कि जैव नौतिकता खोज एक जटिल विषय हैं यह सुगमता से किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुँचता, इसके लिए नम्रता और सत्यता की आवश्यकता हैं।

संत पापा ने समुदाय का ध्यान तीन मुख्य विन्दुओं की ओर आकृष्ट करते हुए कहा कि पर्यावरण क्षरण के कारणों की खोज हेतु अंतःविषय विश्लेषण करना। पर्यावरण की देख रेख एवं सुरक्षा हेतु नियमावली तैयारी करना, समाज में विकलांगता और अतिसंवेदनशील समुदायों की ओर ध्यान देना और अन्तराष्ट्रीय वार्ता हेतु काम करना जिससे हम जैविक और चिकित्सा विषयों पर एक समानता तक पहुँच सकें जो हमारे मौलिक अधिकारों और मूल गुणों के अनुपालन में हमारी मदद करे। 








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