2016-01-28 15:50:00

ख्रीस्तीयों का हृदय विशाल हो जो सभी का स्वागत कर सके


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 28 जनवरी 2016 (वीआर सेदोक): ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों का हृदय उदार होता है क्योंकि वे विशाल हृदय वाले पिता के पुत्र हैं जो उदारता से सभी का स्वागत करने के लिए अपनी बाहें खुली रखते हैं। यह बात संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार को वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए प्रवचन में कही।

कलीसिया के महान संत थॉमस अक्वैनस के त्यौहार के दिन जब पुरोहितों ने अपने पुरोहिताई जीवन की स्वर्ण जयन्ती मनायी संत पापा ने कहा, ″ख्रीस्तीय धर्मानुयायी ईश्वर की ज्योति के साक्षी हैं।″  

″ईश्वर का रहस्य प्रकाश है।″ संत पापा ने प्रवचन में सुसमाचार पाठ पर चिंतन किया जहाँ येसु कहते हैं कि दीपक को किसी छिपे हुए स्थान पर नहीं रखा जा सकता बल्कि दीवट पर रखा जाता है जहाँ से वह पूरे घर को प्रकाश दे सके।

संत पापा ने कहा कि यही ख्रीस्तीय स्वभाव है जो बप्तिस्मा में ज्योति प्राप्त करता तथा उसे दूसरों को भी बांटता है। उसे ख्रीस्तीय मनोभाव का साक्षी बनना है। ख्रीस्तीय जो ज्योति लाता है उसे प्रस्तुत किया जाना चाहिए। जब एक ख्रीस्तीय ईश्वर की ज्योति से बढ़कर खुद के अंधकार को अधिक पसंद करता है वह अपने में बंद होने लगता है क्योंकि उसे प्रकाश से भय होता है। वह एक सच्चा ख्रीस्तीय नहीं है। ख्रीस्तीय येसु ख्रीस्त ईश्वर की ज्योति का एक साक्षी है, उसे उस ज्योति को अपने जीवन के दीपक में जलाना है।

संत पापा ने कहा कि ख्रीस्तीय उदार होते हैं क्योंकि वे उदार पिता की संतान हैं। जब हम येसु तथा पवित्र आत्मा के सम्पर्क में आते हैं तो हमारा हृदय उदार बन जाता है।

संत पापा ने स्वर्ण जयन्ती मनाने वाले पुरोहितों को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने ज्योति एवं साक्ष्य की राह पर 50 वर्ष पूरा किया है किन्तु वे पुनः आगे का रास्ता तय करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्हें हृदय को विशाल बनाये रखने की आवश्यकता है।

उन्होंने प्रार्थना की कि प्रभु आनन्द प्रदान करे जो सभी को जलता हुआ देखना चाहते हैं तथा जिन्होंने बड़ी उदारता से सभी के स्वागत हेतु अपनी बाहें खुली रखी हैं।








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