नई दिल्ली, बुधवार, 20 जनवरी 2016 (सेदोक): भारत में ख्रीस्तीय अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हिंसा में वृद्धि हुई है।
मुम्बई स्थित ख्रीस्तीय अधिकार मंच ने 18 जनवरी को एक रिपोर्ट प्रकाशित की जिसके अनुसार 2015 के दौरान भारत के विभिन्न क्षेत्रों में ख्रीस्तीय अल्पसंख्यकों के विरुद्ध हिंसा की कम से कम 365 घटनाएँ दर्ज़ की गई। इनमें सात हत्या के मामले भी शामिल हैं।
अन्य ख्रीस्तीय विरोधी पंजीकृत घटनाओं में बलात्कार, गिरजाघरों की तोड़-फोड़, ख्रीस्तीय स्कूलों एवं अन्य संस्थाओं पर हमले तथा धार्मिक समारोहों को भंग करना शामिल है।
ख्रीस्तीय अधिकार मंच के अध्यक्ष जोसफ डायस ने ऊका समाचार से कहा कि प्रकाश में आई ख्रीस्तीय विरोधी घटनाओं के अतिरिक्त बहुत सी ऐसी घटनाएं हैं जो भय अथवा प्रतिशोध के डर से प्रकाश में नहीं लाई गई।
श्री डायस के अनुसार विगत पाँच वर्षों में ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा प्रतिवर्ष 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ती गई है। उन्होंने कहा कि हिन्दू चरमपंथी दलों के पुनर्जागरण से ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों के विरुद्ध हिसा में वृद्धि देखी गई है।
उन्होंने बताया कि 2014 की रिपोर्ट में उन्होंने भारत के 18 राज्यों में ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा के आँकड़े प्रस्तुत किये थे जबकि 2015 की रिपोर्ट में उन्होंने 23 राज्यों में घटी हिंसक घटनाओं के आँकड़े प्रस्तुत किये हैं।
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