2016-01-18 12:15:00

सार्वजनिक सुरक्षा अधिकारियों को सन्त पापा का सम्बोधन


वाटिकन सिटी, सोमवार, 18 जनवरी 2016 (सेदोक): वाटिकन में सार्वजनिक सुरक्षा की देख-रेख करनेवाले इताली पुलिस अधिकारियों ने सोमवार को सन्त पापा फ्राँसिस का साक्षात्कार कर उनका सन्देश सुना। इस अवसर पर सन्त पापा ने परमधर्मपीठ एवं वाटिकन राज्य में दायित्व की भावना से परिपूर्ण होकर सुरक्षा का ध्यान रखने के लिये इताली पुलिस प्रबन्धकों एवं सुरक्षा अधिकारियों के प्रति हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया। इटली के विभिन्न धर्मप्रान्तों में अपनी प्रेरितिक यात्राओं के  दौरान विशेष सुरक्षा प्रदान करने के लिये भी उन्होंने आभार व्यक्त किया।  

करुणा को समर्पित जयन्ती वर्ष की पृष्ठभूमि में, वाटिकन, रोम तथा इटली के विभिन्न महागिरजाघरों के इर्द-गिर्द सुरक्षा की बहाली के सन्दर्भ में सन्त पापा ने कहा, "आज की हमारी मुलाकात करुणा को समर्पित जयन्ती वर्ष के कारण और अधिक अर्थगर्भित बन गई है जिसके लिये सम्पूर्ण विश्व के विभिन्न राष्ट्रों से हज़ारों श्रद्धालु रोम की तीर्थयात्रा पर आ चुके हैं, और आगे भी जिनका आगमन जारी रहेगा। सावर्जनिक सुरक्षा की ज़िम्मेदारियों का वहन करनेवाले, आप, पुलिस प्रबन्धकों एवँ सुरक्षा अधिकारियों, आप भी इस मिशन के लिये बुलाये गये हैं कि जयन्ती वर्ष के सभी समारोह, पूर्ण सुरक्षा में, नियमित एवं सुचारु रूप से सम्पादित होते रहें। सजगता के साथ आपके द्वारा अर्पित बाहरी सुरक्षा अवश्य ही शांति से परिपूर्ण आन्तरिक सुरक्षा का आनन्द प्रदान कर सकेगी।"  

सन्त पापा ने स्मरण दिलाया कि हालांकि, ख्रीस्तजयन्ती महापर्व समाप्त हो चुका है किन्तु अभी भी सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में येसु जन्म के गऊशाले का दृश्य लगा हुआ है जो हमें, मरियम के सदृश, अपने अन्तर में उस रहस्य को संजोये रखने के लिये आमंत्रित करता है जिसका हमने अभी-अभी समारोह मनाया। उन्होंने कहा, "मरियम ने हमें नवजीवन रूप में येसु को अर्पित किया है। वह शिशु, हृदय को यथार्थ सान्तवना देनेवाला तथा पाप के अन्धकार को पराजित कर  हमारे जीवन को यथार्थ ज्योति से प्रज्वलित रखनेवाला है। उस बालक में हमने पिता ईश्वर के करुणामय मुखमण्डल के दर्शन किये तथा अपने हृदयों को प्रेम एवं क्षमा से रूपान्तरित करने हेतु  उनके नवीकृत आमंत्रण को स्वीकार किया।"

सन्त पापा ने आशा व्यक्त की कि सभी विश्वासी करुणा की जयन्ती वर्ष के आगामी माहों को बेहतर ढंग से जी सकें ताकि इस आध्यात्मिक घटना द्वारा अर्पित कृपा के वरदान को ग्रहण कर सकें।"








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