2016-01-12 09:53:00

राजशाहीः सम्भावित भूमि विवाद में काथलिक आदिवासी की हत्या


राजशाही, मंगलवार, 12 जनवरी सन् 2016 (एशियान्यूज़): बांग्लादेश के नाओगाँव ज़िले के जबरीपाड़ा गाँव में चालीस वर्षीय काथलिक आदिवासी लूईस सोरेन की हत्या कर दी गई है। नौ जनवरी को पुलिस ने उनका अधजला शव बरामद किया जिसमें हत्या के शिकार व्यक्ति का मुँह पहचानना मुश्किल था तथा उनके कपड़े जल चुके थे। उनके पाँव पर एक दाग देखकर उनकी पत्नी गुजिता उन्हें पहचान पाई। पत्नी ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज़ कर दी है। पुलिस हत्यारों की तलाश कर रही है।

लूईस सोरेन राजशाही धर्मप्रान्त स्थित भुटाहारा पल्ली के काथलिक थे। इस पल्ली के सभी 2,578 काथलिक धर्मानुयायी आदिवासी हैं।

प्राथमिक रिपोर्टों के अनुसार, आठ जनवरी को लूईस अपनी पत्नी गुजिता के साथ खेत पर काम करने गये थे। गुजिता उनसे पहले घर लौट आई और जब पूरी रात पति घर नहीं लौटे तब उसने गाँव वालों को इत्तला किया। कुछ समय बाद लूईस का शव निकट के एक गाँव में पाया गया। गुजिता अपने पति के लिये न्याय की मांग कर रही है।

पुलिस अधिकारियों को शव की पहचान करने में बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ा। स्थानीय पुलिस अधीक्षक ने कहा कि हत्यारों ने शव से सभी प्रमाणों को मिटाने की पूरी कोशिश की थी।

राजशाही धर्मप्रान्त में सेवारत विदेशी मिशनरी धर्मसमाज "पीमे" के पुरोहित फादर इमिलियो स्पीनेल्ली ने एशिया न्यूज़ को लूईस की हत्या के बारे में बताया। उन्होंने कहा, "हम नहीं जानते कि हत्या किसने की है और इस षड़यंत्र में कौन शामिल है। पुलिस ने लूईस का शव लौटा दिया है और स्थानीय चर्च के कब्रस्तान में उसकी दफन क्रिया कर दी गई है।"

बांगलादेश में विगत कई वर्षों से ख्रीस्तीय अल्पसंख्यक हिंसक हमलों का शिकार बनते रहे हैं। इनमें से अधिकांश हमलों का कारण धन अथवा बलात भूमि अधिग्रहण से जुड़ा होता है।








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