2016-01-11 16:19:00

बप्तिस्मा ईश्वरीय कृपा की सुन्दरता को वापस लाता है


वाटिकन सिटी, सोमवार, 11 जनवरी 2016 (वीआर सेदोक): वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 10 जनवरी को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, ″ अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात,

प्रभु प्रकाश के बाद इस रविवार को हम येसु के बपतिस्मा का महापर्व मना रहे हैं तथा हमारी अपनी बपतिस्मा की याद कर रहे हैं। इसी पृष्ठभूमि पर आज प्रातः मैंने 26 बच्चों के दल को बपतिस्मा संस्कार प्रदान किया तथा उनके लिए प्रार्थना अर्पित की।″ 

सुसमाचार पाठ येसु को यर्दन नदी पर प्रस्तुत करता है जहाँ उनकी दिव्य प्रकाशना होती है। संत लूकस लिखते हैं, ″सारी जनता को बपतिस्मा मिल जाने के बाद ईसा ने भी बपतिस्मा ग्रहण किया। इसे ग्रहण करने के अनन्तर वह प्रार्थना कर ही रहे थे कि स्वर्ग खुल गया। पवित्र आत्मा कपोत के रूप में उन पर उतरा और स्वर्ग से यह वाणी सुनाई दी, ‘तू मेरा प्रिय पुत्र है मैं तुझ पर अत्यन्त प्रसन्न हूँ।’″(लूक.3:21-22)

इस प्रकार येसु का अभिषेक हुआ तथा वे पिता द्वारा मसीह, मुक्तिदाता तथा बचानेहारा के रूप में प्रकट किये गये।

संत पापा ने कहा कि चारों सुसमाचार लेखकों ने इस बात का साक्ष्य दिया है कि योहन जल द्वारा बपतिस्मा देते थे किन्तु येसु पवित्र आत्मा एवं आग द्वारा बपतिस्मा प्रदान करेंगे। (लू.3:16)

ख्रीस्तीय बपतिस्मा में पवित्र आत्मा वास्तव में, एक प्रमुख वास्तुकार के समान है जो आदि पाप को जलाकर नष्ट कर देता है तथा व्यक्ति में ईश्वरीय कृपा की सुन्दरता को पुनः वापस ले आता है। यह हमें पाप रूपी अंधकार की गुलामी से मुक्त करता तथा प्रेम, सच्चाई तथा शांति रूपी प्रकाश में आगे ले चलता है। हम उस प्रतिष्ठा पर चिंतन करें जो बपतिस्मा द्वारा हमें प्रदान किया जाता है। संत योहन कहते हैं, ″पिता ने हमें इतना प्यार किया है कि हम ईश्वर की संतान कहलाते हैं और हम वास्तव में वही हैं।″ (1यो.3:1) ईश्वर की संतान होने की यह अद्भुत सच्चाई हमें येसु का अनुसरण करने की जिम्मेदारी प्रदान करती है जो एक आज्ञाकारी सेवक थे। हम भी उनके समान पवित्र आत्मा की शक्ति द्वारा विनम्रता, दीनता एवं कोमलता का स्वभाव धारण करें, विशेषकर, ऐसे समय में जब अपने आस-पास असहिष्णुता, अहंकार तथा कठोरता की भावना प्रबल हो जाए।

बपतिस्मा के दिन जब हम पहली बार पवित्र आत्मा को ग्रहण करते हैं तब हम सम्पूर्ण सच्चाई के लिए अपना हृदय द्वार खोलते हैं। पवित्र आत्मा हमें दुर्गम रास्ते पर भी आनन्द पूर्वक अपने भाई बहनों के साथ उदारता एवं एकात्मता के साथ आगे बढ़ने हेतु बल प्रदान करते हैं। वे हमें ईश्वर की क्षमाशीलता एवं कोमलता तथा पिता की करुणा की अदृश्य शक्ति से भर देते हैं। हम यह न भूलें कि पवित्र आत्मा को ग्रहण करने वालों के लिए यह एक जीवित तथा जीवन दायी उपस्थिति है जो हमारे लिए प्रार्थना करता तथा हमें आध्यात्मिक आनन्द से भर देता है।

संत पापा ने कहा कि येसु की बपतिस्मा के महापर्व के दिन हम अपने बपतिस्मा पर चिंतन करें। हम सभी बपतिस्मा प्राप्त कर चुके हैं। इस कृपा के लिए हम कृतज्ञता अर्पित करें। संत पापा ने विश्वासियों के प्रश्न किया, ″हम में से कितने लोग अपने बपतिस्मा की तिथि को जानते हैं? उन्होंने कहा, ″निश्चय ही कई लोग इसे याद नहीं करते हैं अतः मैं आग्रह करता हूँ कि आप घर जाकर तिथि अवश्य ढूँढें, अपने माता-पिता, दादा-दादी और धार्मिक माता-पिता के उदाहरणों को देखने का प्रयास करें। यह जानना बहुत आवश्यक है क्योंकि यह तिथि ईश पुत्र के रूप में हमारे पुनर्जन्म का त्यौहार मनाने की तिथि है। संत पापा ने इसे अनिवार्य बतलाते हुए बपतिस्मा की तिथि ढूंढने की सलाह दी। उन्होंने कहा, ″उस दिन को मनाने का अर्थ है एक सच्चे ख्रीस्तीय, कलीसिया के सदस्य तथा नयी मानवता जिसमें हम सभी भाई-बहन हैं के रूप में जीने के समर्पण द्वारा येसु के साथ हमारे संबंध को सुदृढ़ करना। बपतिस्मा केवल एक बार लिया जाता है किन्तु इसका साक्ष्य प्रत्येक दिन दिया जाना चाहिए क्योंकि यह नया जीवन बांटने तथा ज्योति को प्रकट करने के लिए है, खासकर, उन लोगों के लिए जो कठिन मानवीय परिस्थितियों में तथा अंधकार के रास्ते पर जीवन यापन कर रहे हैं।

पिता के पुत्र येसु की प्रथम शिष्य धन्य कुँवारी मरियम हमें आनन्द तथा हमारी बपतिस्मा को प्रेरितिक उत्साह से जीने तथा पवित्र आत्मा के वरदानों को ग्रहण करने में मदद करे जो हमें ईश्वर की संतान बनाते हैं।

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

देवदूत प्रार्थना के उपरांत उन्होंने देश-विदेश से एकत्र सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया।

उन्होंने कहा, ″मैं आप सभी का अभिवादन करता हूँ जो रोम, इटली तथा अन्य देशों से तीर्थयात्रा हेतु आये हैं।″ 

संत पापा ने बपतिस्मा प्राप्त बच्चों को विशेष आशीष प्रदान करते हुए कहा, ″येसु की बपतिस्मा के महापर्व के दिन परम्परा के अनुसार मैंने कई बच्चों को बपतिस्मा प्रदान किया है अब मैं उन्हें अपना विशेष आशीष प्रदान करना चाहता हूँ साथ ही साथ उन युवा तथा पौढ़ लोगों को भी आशीष प्रदान करता हूँ जिन्होंने हाल में बपतिस्मा संस्कार ग्रहण किया अथवा जो इसकी तैयारी कर रहे हैं, ख्रीस्त की कृपा सदा उनके साथ रहे।

अंत में उन्होंने सभी से प्रार्थना का आग्रह करते हुए उन्हें शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।








All the contents on this site are copyrighted ©.