जकार्ता, शनिवार, 9 जनवरी 2016 (एशियान्यूज़): इंडोनेशिया के सबसे बड़े इस्लामी संगठन नाहदलोतुल उलामा ने 17 जनवरी को एक रैली का आयोजन किया है। रैली का मुख्य उद्देश्य है धार्मिक कट्टरपंथियों और आतंकवाद का विरोध करना तथा बहुलवाद को इंडोनेशियाई समाज के सच्चे आधार के रूप में प्रोत्साहन देना।
इस्लामी संगठन नाहदलोतुल उलामा के साथ रैली में 13 अन्य इस्लामी संगठन, इंडोनेशियाई काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन, प्रोटेस्टंट कलीसिया तथा अन्य धर्मों के नेता शामिल होंगे।
उम्मीद की जा रही है कि इंडोनेशिया के ऐतिहासिक मैदान लापांगन बानटेंग में करीब 10 हजार लोग जमा होंगे।
लोकधर्मियों की प्रेरिताई के लिए गठित समिति के सचिव फा. ग्वीदो सुप्राप्तो ने एशियान्यूज़ से कहा, ″हम निश्चय ही इस आयोजन में भाग लेंगे। इस विशाल रैली द्वारा हम यह संदेश देना चाहते हैं कि विविधता देश के लिए शक्ति बन जाए। हम यह दिखाना चाहते हैं कि शांतिपूर्वक सहअस्तित्व संभव है।″
एन. यू. के अध्यक्ष एवं रैली के आयोजक मार्स्यूदी सुहुद ने कहा, ″हमें दो शब्द सिखाया गया है तासानूफ जिसका अर्थ है सहिष्णुता तथा तावासुफ्त जिसका अर्थ है संयमित व्यक्ति बनना।″
उन्होंने कहा कि नैतिक दृष्टिकोण से एन. यू को राष्ट्रीय राजनीति तथा अनेकता में एकता की पद्धति की रक्षा करना है।
उन्होंने कहा कि संगठन इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों की किसी तरह की घुसपैठ को वे रोकना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ″यहाँ खतरा स्पष्ट है। हमने देखा है कि कुछ लोग आई. एस का झंडा फहराने का साहस करते हैं। हमारे बीच कुछ ऐसे लोग हैं जो सीरिया जाकर युद्ध में शामिल होते हैं तथा वापस आते हैं किन्तु सरकार कुछ कार्रवाई नहीं करती। इसे साफ जाहिर होता है कि अरबी देशों की स्थिति जल्द ही इंडोनेशिया में आ सकती है।″
इंडोनेशिया की राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी एजेंसी अनुसार 149 इंडोनेशियाई नागरिक सीरिया से लौटे हैं जबकि सरकारी आंकड़ा अनुसार आई. एस में शामिल होने के लिए 800 लोगों ने इंडोनेशियाई में प्रवेश किया है जिनमें से 284 लोगों की पहचान कर ली गयी है तथा 52 लोग मारे गये हैं।
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