उड़ीशा, शुक्रवार, 07 जनवरी, 2016 (ऊकान न्यूज) उड़ीशा कंधमाल के ख्रीस्तीय नेताओं ने हिन्दु कट्टपंथियों के विरूद्ध सरकारी अधिकारियों से सुरक्षा की मांग की है।
कटक महाधर्मप्रान्त के समाजिक कार्यकर्ता पुरोहित मनोज कुमार नायक ने कहा कि कंधमाल
जो सात साल पहले इसाईयों के विरूध हिंसा के क्रेन्द रहा है अब तक हिंसा के तनाव से ग्रसित
है। राज्य में ईसाइयों के प्रति हिंसा और तनाव की स्थिति के देखते हुए ख्रीस्तीय प्रतिनिधियों
ने सरकार से सुरक्षा की मांग करते हुए उन लोगों के प्रति कदम उठाने का निवेदन किया है
जो सड़क जाम करते और स्थनीय ख्रीस्तीयों और धर्मसमाजियों के कामों मे बाधा उत्पन्न करने
की कोशिश करते हैं।
स्थानीय प्रतिनिधि अमर नायक ने कहा कि भीड़ आदिवासी ख्रीस्तीय बहुल जिले में सड़क जाम
कर रही है जिसके कारण वर्ष 2008 सितम्बर के महीने में ख्रीस्तीयो के विरुद्ध में हिंसा
भड़क पड़ा थी। हिंसा के दौरान ख्रीस्तीय परिवारों, कान्वेटों, गिरजाघरों को जला दिया
गया और महिलाओं के साथ बलत्कार किया गया था। इस हिंसा में करीब 100 लोग मारे गये थे और
50,000 लोगों को विस्थापित होना पड़ा था।
2015 में ख्रीस्त जयन्ती के दौरान हालात पुनः ऐसे ही दिखाई दिये जब भीड़ ने कनहर इलाके
में सड़क को जाम कर दिया। आदिवासियों के अधिकारों की मांग के बहाने भीड़ ने ख्रीस्त जयन्ती
की सुबह विभिन्न गाँवों के रास्तों को लकड़ी के कुन्दों और पत्थरों से अवरुध कर दिया
था। यद्दपि पुलिसवालों ने रास्तों को साफ किया। अमर ने कहा, “खीस्त जयन्ती का महोत्सव
दुःख और भय में मनाया गया।
कटक भुनेश्वर के अन्य फादर संतोष दिगाल ने कहा, “विगत साल के अनुभवों के कारण अवरुद्ध
सड़क लोगों में भय उत्पन्न करते हैं। हिन्दु असामाजिक तत्वों की मनसा सड़क जाम के पीछे
यही हैं कि आक्रमण होने पर गांवों के लोगों को कोई सहायता न मिल सके।” वर्ष 2008 में
हिंसा के दौरान यही हथकंडे अपनाये गये थे।
फादर संतोष ने बतलाया कि केलापड़ा गाँव में ख्रीस्त जयन्ती के दौरान करीब 200 की संख्या में लोगों लाल झण्डा लिये खुली गाड़ी में जय श्री राम के नारा लगाते हुए घुम रहे थे। लेकिन सभी गिरजाघरों में समीप पुलिस दलों की गश्ती ने कारण कोई अनहोनी नहीं हुई। अमर ने बतलाया, “हमने विभिन्न गिरजाघरों में आक्रमण की उनकी योजना के बारे में सुना लेकिन पुलिस की उपस्थिति के कारण वे घटना को अनजाम नहीं दे सकें। लेकिन हिंसा किसी भी समय भड़क सकती है।”
ख्रीस्तीय नेताओं ने हालात की नाजुकता को देखते हुए सुरक्षा हेतु मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और राष्ट्रीय मानव अधिकार सम्मेलन को लिखित ज्ञापन सौंपा है।
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