2016-01-01 17:23:00

मरियम आप धन्य हैं क्योंकि ईश पुत्र को दुनिया को दिया


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 01 जनवरी,2016 (सेदोक): संत पापा फ्राँसिस ने संत पेत्रुस महागिरजाघर में माता मरियम ईश्वर की माता के पर्व दिवस के अवसर पर पवित्र मिस्सा बलिदान अर्पित करते हुए अपने प्रवचन में माता मरियम के मातृत्व पर चिंतन करने का निमंत्रण दिया।

उन्होंने कहा, ″समय पूरा हो जाने पर ईश्वर का पुत्र जन्म लिया, इसका क्या अर्थ है? यदि हम उस विशेष समय की बात करेंगे तो हम तुरन्त मोहित हो जायेंगे। रोम अपनी सैन्य शक्ति के कारण दुनिया के एक बृहत भाग को अपने अधिकार में किये हुए था। स्रमाट अगस्तुस पाँच युद्ध के बाद सत्त में आसीन हुए थे। इसराएल स्वयं रोमन स्रमाट के द्वारा जीत लिया गया था और चुनी हुई प्रजा अपनी स्वतंत्रता खो चुकी थी। यीशु के समकालीनों के लिए, यह निश्चित रूप से समय का सबसे अच्छा नहीं था। अतः समय की परिपूर्णता को परिभाषित करने के लिए  हमें भू राजनीतिक क्षेत्र को नहीं देखना चाहिए।

एक अन्य व्यख्यान जरुरी है जो इस पूर्णता को ईश्वर की नजरों के देखता है। यह ईश्वर की योजना है जो यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रतिज्ञा को पूरा करने का समय पूरा हो गया है। इतिहास येसु के जन्म के निर्धारित नहीं करता है बल्कि उनका दुनिया में आना समय को पूरा करता है। इसी कारण ईश्वर के पुत्र ने एक नये युग की शुरूआत की जो पुरानी प्रतिज्ञा को पूरा होने का साक्ष्य देता है। इब्रानियों के नाम पत्र में यह अंकित है, “ईश्वर ने हमारे पूर्वजों को विभिन्न रूपों में नबियों के द्वारा बोला था लेकिन अंत में वह हमें अपने पुत्र द्वारा बोला है, उसे उसके सबकुछ का उत्तराधिकारी नियुक्त किया है, उसी के द्वारा वह दुनिया की सभी चीजों की सृष्टि करते हैं। वह पुत्र अपने पिता की महिमा का प्रतिबिम्ब और उसके तत्व का प्रतिरूप है। वह पुत्र अपने शक्तिशाली शब्द द्वारा समस्त सृष्टि को बनाये रखता है।” (इब्रा.1.1-3) अतः समय की परिपूर्णता इतिहास में स्वयं हमारे ईश्वर की उपस्थति है। हम अभी उनकी महिमा गरीब गोशाले में देख सकते हैं। हम उनके शब्दों से प्रेरित होकर उसे आत्मसात कर सकते हैं जो हमारे लिए छोटे बालक बनें। उन्हें धन्यवाद जो हमारे लिए समय को पूर्ण बनाते हैं।

यद्यपि मानवीय इतिहास के अनुभव में यह रहस्य विवादित रहा है। रोज दिन जैसे कि हम अपने जीवन में ईश्वर की उपस्थिति की खोज करते हैं और हम नये चिन्हों को पाते है जो नकारात्मक होते हैं जो हमें उनकी उपस्थिति को बलताले के बदले उनकी अनुस्थिति को दर्शाते हैं। समय की पूर्णतः असंख्य हो रहे अन्याय और हिंसा के कारण हमारे परिवरों में धूमिल होती नजर आती है। कभी-कभी हम अपने आप से पूछने लगते हैं यह कैसे संभंव होता है कि मानवीय अन्याय और अंहकार बेरोकटोक निरांतर जारी रहती और कमजोरों को और भी कमजोर बनती और उन्हें दुनिया के किनारे ढ़केल देती है। हम पूछते हैं कि कितने दिनों तक यह अन्याय और घृणा दुनिया में चलता रहेगा जो बेगुनाह लोगों को अपनी शिकार बनती है। यह समय की कैसी परिपूर्णता है जहाँ हम युद्ध के कारण नारियों और बच्चों को भागते देखते। भूख और सतावट तथा जीवन में अपने अधिकारों की रक्षा हेतु प्रताड़ना का समाना करते हुए प्रति दिन लोगों को देखते हैं। पापों की भारमार और दुःखों की धार येसु के द्वारा समय की परिपर्णता को खंडित करता प्रतीत होता।

फिर भी, दुःखों की धार दया के समुद्र के आगे कमजोर है वह दुनिया को दया से भरने में रोक नहीं सकती। हम सभी इसी दया के समुद्र में अपने तो डुबोने हेतु बुलाये गये हैं, अपने आप का पुनःजन्म करने, उदासीनता पर विजय पाने, अपनी झूठी उदासीनता को छोड़ने हेतु बुलाये गये हैं। जो हमारे जीवन के आदान-प्रदान और हमारी एकात्मता में बाधक सिद्ध होता है। येसु ख्रीस्त की कृपा जो हमारे लिए मुक्ति की आशा लेकर आती है हमें दुनिया को सुन्दर और भ्रातृ प्रेम में बने रहने हेतु मदद करती है जहाँ प्रत्येक व्यक्ति और हर जीव शांति में जीवन यापन कर सके जिसे ईश्वर ने दुनिया के शुरू में बनाया था।

साल के शुरू में कलीसिया हमें माता मरियम के मातृत्व पर मनन चिंतन करने का निमंत्रण देती है जो शांति के दूत हैं। उनमें प्रचीन प्रतिज्ञा पूरी होती है। उन्होंने दूत के वचनों में विश्वास किया, ईश्वर के पुत्र को अपने गर्भ में धारण किया और ईश पुत्र की जननी बनी। उनके हाँ के द्वारा हमारे लिए पूर्णतः आई। सुसमाचार हमें यह बतलाता है कि “कुँवारी मरिया ने अपने हृदय में इन सारे बच्चों को संग्रहित करते हुए उन पर मनन किया।” वे हमारे लिए उस परात के समान दिखाई देती हैं जो येसु की यादों से लबालब भरी हुई हैं। वे प्रज्ञा की सिंहासन है जिनके द्वारा हम अपने जीवन में सही चीजों को समझ सकते हैं। आज माता मरियम हमें अपने व्यक्तिगत जीवन में घटनाओं को समझने में मदद करती हैं, जो हमारे परिवारों, देश और पूरी दुनिया को प्रभावित करती हैं। जहाँ दार्शनिक तर्क और राजनीतिक समझौते नहीं पहुँच सकते, वहाँ विश्वास की शक्ति जो सुसमाचार द्वारा हमारे लिए आती है हमारे लिए तर्क और समझौते हेतु नई राह का निर्माण करती है।

मरियम आप धन्य हैं जिन्होंने अपने बेटे को दुनिया के लिए दिया। आप धन्य हैं क्योंकि आप ने उन पर विश्वास किया। विश्वास से परिपूर्ण आप ने येसु को अपने सबसे पहले अपने हृदय में ग्रहण किया और तब अपने गर्भ में और इस तरह सभी विश्वासियों की माता बनीं। इस शुभ दिन में अपनी आशीष हमारे लिए भेज दीजिए। अपने पुत्र के चेहरे को हमें दिखाईये जो दुनिया में हमारे दया और शांति लेकर आते हैं। 








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