2015-12-31 12:46:00

प्रेरक मोतीः ईश माता मरियम का त्यौहार


वाटिकन सिटी, 01 जनवरी सन् 2015

सन्त पापा पौल षष्टम ने 14 फरवरी, सन् 1969 को, सामान्य रोमी पंचाग का प्रवर्तन किया था जिसमें प्रभु येसु ख्रीस्त की जयन्ती के आठ दिन बाद यानि पहली जनवरी के दिन को ईश माता मरियम को समर्पित रखने की घोषणा की गई। इसी दिन से सम्पूर्ण विश्व के काथलिक धर्मानुयायी पहली जनवरी को ईश माता मरियम का पर्व मनाते हैं। देहधारी शब्द, येसु ख्रीस्त की माता होने के नाते हम मरियम के प्रति श्रद्धा रखते हैं। प्रभु येसु ख्रीस्त द्वारा सम्पादित मानवजाति की मुक्ति में मरियम की अद्वितीय एवं उदात्त भूमिका को मान्यता प्रदान करते हैं। विश्वास, निर्मलता, विनम्रता तथा ईश इच्छा के प्रति मरियम के बिलाशर्त समर्पण जैसे सदगुणों का अनुसरण करने का हम प्रयास करते हैं। जितना अधिक हम मरियम को जानेंगे उतना ही अधिक उनके पुत्र येसु ख्रीस्त एवं विश्व में उनके मिशन को समझ सकेंगे तथा मानवजाति की मुक्ति हेतु ईश्वरीय योजना में ईश माता मरियम की भूमिका को पहचान सकेंगे।

ईश माता मरिमय कई नामों से जानी जाती हैं इसलिये कि वे प्रत्येक ख्रीस्तीय पुरुष, महिला एवं बच्चे की संरक्षिका हैं। माता मरियम, ईश माता, मरियम महारानी, शांति की रानी, प्रभात के तारे, स्वर्ग में उदग्रहित रानी, दया की रानी, हमारी आशा आदि शीर्षकों से मरियम को पुकारा जाता है। 

गाब्रिएल दूत के प्रणाम में हम मरियम के सत्य से अवगत होते हैं: "प्रणाम मरिया, कृपापूर्ण प्रभु तेरे साथ है, तू सब स्त्रियों में धन्य है और धन्य है तेरे गर्भ का फल"। 

चिन्तनः हम सब मिलकर मरियम से प्रार्थना करें: "हे अत्यन्त धर्मिष्ठ कुँवारी मरिया, स्मरण कर कि आज तक कभी भी यह सुनने में नहीं आया कि तेरा कोई भी शरणागत तुझसे सहायता मांग कर तेरे द्वारा अनसुना छूट गया हो। हे कुँवारियों में श्रेष्ठ कुँवारी, हे मेरी माता  इसी विश्वास को लेकर मैं तेरी शरण में दौड़ आया हूँ, मैं शोकपूर्ण पापी तेरे समक्ष उपस्थित हूँ, हे परमेश्वर की माता मेरी प्रार्थना अनसुनी न करना किन्तु कृपा करके उसपर ध्यान देना, आमेन।"








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