2015-12-23 07:28:00

श्रोताओ के नाम क्रिसमस पत्र 2015


वाटिकन सिटी, रविवार, 23 दिसम्बर सन् 2015: श्रोताओ, येसु मसीह की जयन्ती हमारे हर्ष का कारण है जिन्होंने मानव रूप धारण किया ताकि मनुष्य मुक्ति पा सके। क्रिसमस, बड़ादिन यानि येसु मसीह की जयन्ती। एक बार फिर हम गऊशाले के आगे खड़े हैं और  येसु मसीह के जन्म की याद करते हर्षित हो रहे हैं। दैनिक जीवन की दौड़ में हम इस क़दर लगे रहे कि पता ही नहीं लगा कि वर्ष 2015 कब गुज़र गया।

25 दिसम्बर को सम्पूर्ण विश्व येसु मसीह की जयन्ती का महोत्सव मनाता है। गिरजाघरों में ख्रीस्तयागों, पवित्र घड़ियों, मनन –चिन्तन तथा धर्म विधिक प्रार्थनाओं में भाग लेकर श्रद्धालु प्रभु ईश्वर की स्तुति करते हैं। इसके साथ ही सर्वत्र वन्दनवार सजाये जाते, रंगीन तारों, चमकती झालरों एवं गुब्बारों से घरों एवं मार्गों को सजाया जाता, मीठे-मीठे पकवान बनाये जाते, उमदा भोजन तैयार किया जाता तथा सगे-सम्बन्धियों एवं मित्रों में इन्हें बाँटकर अपनी खुशी इज़हार किया जाता है। ठीक भी है क्योंकि ख्रीस्तजयन्ती महापर्व केवल गिरजाघरों एवं ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों तक ही सीमित नहीं है अपितु यह सम्पूर्ण विश्व के सब लोगों तक विस्तृत है। सभी लोग इसके आनन्द में शामिल होने के लिये आमंत्रित हैं।

आप सबके प्रति ख्रीस्तजयन्ती की हार्दिक शुभकामनाएँ व्यक्त करते हुए आज हम हर्षित हैं क्योंकि वाटिकन रेडियो के प्रसारणों से आप और हम इस वर्ष के प्रत्येक दिन जुड़े रहे। अपनी इस यात्रा में आपके साथ मिलकर हमने विश्व की विविध घटनाओं पर चिन्तन किया, शनिवारों को रविवारीय धर्मविधिक पाठों तथा गुरुवारों को बाईबिल में निहित स्तोत्र ग्रन्थ के भजनों से हम परिचित हुए। सोमवारों एवं बुधवारों को देवदूत प्रार्थना के समय सन्त पापा फ्राँसिस के सन्देशों एवं साप्ताहिक आम दर्शन समारोहों पर दी गई धर्मशिक्षा माला से हम आलोकित हुए। मंगलवारों को कलीसियाई दस्तावेज़ के कतिपय अंशों से हम परिचित हुए तथा शुक्रवारों को हमने मानवतावादी परिस्थितियों पर लोकोपकारी चर्चाएँ सुनी। रविवारों को युवा कार्यक्रम नई दिशाएं एवं चेतना जागरण शीर्षक से प्रसारित नाटकों ने हमें मार्गदर्शन दिया।

वाटिकन रेडियो के प्रसारणों की इस दैनिक यात्रा में, हम सबने मिलकर सन्त पापा फ्राँसिस के साथ श्री लंका, फिलीपिन्स, बोस्निया-एर्ज़ेगोविना, बोलिविया, एक्वाडोर, पारागुए, क्यूबा और संयुक्त राज्य अमरीका तथा अफ्रीका के केनिया, यूगाण्डा और केन्द्रीय अफ्रीकी गणतंत्र (कार) की यात्रा की। वाटिकन स्थित सन्त मर्था प्रेरितिक आवास के प्रार्थनालय से प्रतिदिन सन्त पापा के प्रवचन सुनकर हम कृतार्थ हुए तथा उनके दैनिक ट्वीट्स को पढ़कर विश्व पटल की घटनाओं पर चिन्तन के लिये बाध्य हुए। इनमें कितनी बार सन्त पापा ने संघर्षों की समाप्ति, भाईचारे को बढ़ावा एवं शान्ति स्थापना की अपीलें की। इसी वर्ष आठ दिसम्बर को विश्वव्यापी काथलिक कलीसिया ने अपने गिरजाघरों के द्वारों को खोलकर करुणा को समर्पित जयन्ती वर्ष का शुभारम्भ किया तथा क्षमा और पुनर्मिलन की अनिवार्यता को रेखांकित किया।

श्रोताओ, क्रिसमस या ख्रीस्तजयन्ती महापर्व और इसके कुछ ही दिनों बाद नववर्ष का आगमन हमें अपने अतीत पर चिन्तन का मौका प्रदान करता है। इस वर्ष के दौरान हमारी दैनिक यात्रा आशा एवं आकाँक्षा से परिपूर्ण रही हालांकि कभी-कभी हम निराश और हताश भी हुए। मध्यपूर्व और अफ्रीका के कई क्षेत्रों में जारी संघर्षों के कारण लाखों विस्थापित एवं शरणार्थी लोग यूरोप का दरवाज़ा खटखटाते चले आये जिनमें से हज़ारों नौकाओं के डूबने से समुद्र की भेंट चढ़ गये। इसी बीच, विश्व के विभिन्न भागों में आतंकवादियों ने भी लूटमार, आगजनी और मृत्यु का ताण्डव जारी रखा जिससे     लगा कि सब कुछ समाप्त हो गया है, सब कुछ ख़त्म हो गया है किन्तु फिर, नई सुबह हुई और हम सतर्कता के साथ नई ऊर्जा लिये अपने कामों को आगे ले जाने हेतु तत्पर हो गये।

जी हाँ, जीवन यही है, यह आशा एवं निराशा, उतार व चढ़ाव, सुख और दुःख की कहानी है। जीवन यात्रा का सुखद फल वही भोग सकता है जो कठिन निराशा की घड़ियों में भी धीरज न खोये बल्कि दृढ़तापूर्वक, प्रभु ईश्वर की दया पर विश्वास करते हुए आगे बढ़ता जाये।

प्रभु ख्रीस्त की जयन्ती हमें स्मरण दिलाती है कि इस धरा पर देहधारण करनेवाले येसु ख्रीस्त हमारी आशा और हमारी शान्ति हैं। उन्हीं में अपने विश्वास को सुदृढ़ कर हम प्रत्येक व्यक्ति का स्वागत करें, उसके प्रति एकात्मता दर्शायें, प्रेम भाव से उसकी सहायता को तत्पर रहें तथा हिंसा, विनाश और मृत्यु के उन्मादियों के मन परिवर्तन हेतु प्रार्थना करें। ऐसा कर ही हम मन की शान्ति का अनुभव करेंगे। हम मन की शक्ति प्राप्त करेंगे तथा  हमारी अनिश्चित्ताएँ, हमारे तनाव और हमारे अन्धकारपूर्ण क्षण हमें भयभीत नहीं कर पायेंगे क्योंकि बेथलेहेम में प्रज्वलित तारे की रोशनी हमारे अन्धकार को हर लेगी।

श्रोताओ, गऊशाले की मामूली सी चरनी में लेटे बालक का दृश्य, शताब्दियों के अन्तराल में, गूढ़ चिन्तन और साथ ही शुभ भावों को जन्म देता रहा है। सम्पूर्ण मानवजाति के प्रतिनिधि बनकर बेथलेहेम पहुँचे तीन ज्ञानी पुरुषों के मन में सत्य, कोमलता और दया के जो भाव उठे थे वे सदइच्छा रखनेवाले हर शुभचिन्तक के दिल में सदैव आन्दोलित होते रहे हैं। हमारी आशा है कि इन्हीं शुभ भावों से लाभान्वित होकर विश्व का प्रत्येक व्यक्ति प्रेम, शान्ति एवं न्याय की स्थापना हेतु प्रेरणा प्राप्त करेगा।

ख्रीस्तजयन्ती की इस पावन बेला में हम सब मिलकर प्रार्थना करें कि युद्ध एवं कई प्रकार की हिंसा से त्रस्त लोग शान्ति एवं सह-अस्तित्व का वरदान प्राप्त करें। सभी रोगी, अकेलेपन की पीड़ा सहनेवाले वयोवृद्ध, बेहतर जीवन की तलाश में निकले आप्रवासी, आपसी कलह से जूझते परिवार, प्राकृतिक आपदाओं के कारण बेघर हुए लोग, परित्यक्त एवं अनाथ बच्चे एकात्मता एवं स्वागत-सत्कार के आनन्द का एहसास प्राप्त करें। मनुष्यों के बीच व्याप्त विभाजनों का अन्त हो, अहंकार, स्वार्थ एवं घमण्ड के घावों को चंगाई मिले तथा विश्व के हर घर एवं प्रत्येक परिवार में प्रेम की स्थापना हो क्योंकि प्रेम ही सब कठिनाइयों को पार करने में सक्षम है।

आप सबको, आपके प्रियजनों को, आपके सम्पूर्ण समुदाय एवं प्रत्येक व्यक्ति को, वाटिकन रेडियो के हिन्दी विभाग की ओर से, ख्रीस्तजयन्ती, क्रिसमस, बड़ा दिन मुबारक!

Juliet Genevive Christopher

 








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