2015-12-22 14:25:00

ख्रीस्त जयन्ती एक क्रांतिकारी त्यौहार


मुम्बई, मंगलवार, 22 दिसम्बर 2015 (एशियान्यूज़): मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ऑस्वल्ड ग्रेसियस ने कहा कि ″ख्रीस्त जयन्ती ईश्वर की करुणा का उपहार है। यह एक महान क्रांतिकारी महोत्सव है जो लोग उनकी करुणा को ग्रहण करते हैं वे परिवार, समाज तथा समुदाय बदल सकते हैं।″  

कार्डिनल ग्रेसियस ने 20 दिसम्बर को मुम्बई के बांडरा स्थित माऊँट मेरी महागिरजाघर का पवित्र द्वार खोला। इस अवसर पर उन्होंने ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए प्रवचन में कहा, ″करुणा दुनिया बदल सकती है। ईश्वर की करुणा को सभी प्रदर्शित कर सकते हैं विशेषकर, सुदूर गाँवों में रहने वाले लोगों, विस्थापितों तथा समाज से बहिष्कृत लोगों के बीच क्योंकि ईश्वर हम सभी को अपने करुणावान स्नेह से प्रेम करते हैं।″  

कार्डिनल ने प्रवचन में ख्रीस्त जयन्ती के उद्गम एवं काथलिक कलीसिया के लिए उसके महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ″हम जब ख्रीस्त जयन्ती के अति करीब हैं हमने करुणा का पवित्र द्वार खोला है। संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने ईश्वर की करुणा प्रदर्शित करने का प्रोत्साहन देते हुए ‘दिव्य करूणा’ का पर्व स्थापित किया था जो संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें द्वारा जारी रहा। उनका कहना था कि करुणा सुसमाचार के मूल में है। ईश्वर का दूसरा नाम ही करुणा है जिसको उन्होंने पुराने व्यवस्थान में नबियों के द्वारा प्रकट किया और अब येसु में मुक्तिदाता के रूप में पूरी तरह प्रकट किया है।

कार्डिनल ग्रेसियस ने इस बात को रेखांकित किया कि प्रेम का ही गहरा अर्थ है करुणा। उन्होंने कहा कि हम सभी को प्रेम की आवश्यकता है। यह महत्वपूर्ण है कि हम ईश्वर की करुणा को ग्रहण करने के लिए अपना हृदय द्वार खोलें, उसे दूसरों के बीच बाटें। अन्यों तक पहुँचने के लिए हमें ख्रीस्त की करुणा का शिष्य बनना है, ईश्वर के प्रेम एवं करुणा का एजेंट बनना है।








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