मुम्बई, शुक्रवार, 18 दिसम्बर 2015, (सेदोक) आस्टेलिया के मिशनरी ग्राहम स्टेन्स की पत्नी ग्लैडीस को उनके सेवा कार्य हेतु मुम्बई में मदर तेरेसा पुरस्कार से नवाजा गया।
ज्ञात हो भारत में मिशनरी के रूप मे कार्यरत ग्राहम स्टेनस को सन् 1999 में हिन्दु कट्टरवादियों ने उनके बच्चों के साथ कार में जिन्दा जला दिया था। उनकी विधवा पत्नी ने अपने पति और पुत्रों के हत्यारों के क्षमा करते हुए अपनी 13 वर्षीय पुत्री स्तेर के साथ भारत में ही रहने की इच्छा जाहिर की जिससे कि वह अपने पति के द्वारा कुष्ट रोगियों हेतु शुरू किये गये कार्य को जारी रख सके। उनके इस नेक काम हेतु मुम्बई स्थित सेवा शांति संस्थान की ओर से सामाजिक न्याय हेतु मदर तेरेसा स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया है।
पुरस्कार हेतु अपने नाम की घोषणा पर उन्होंने बतलाया, “मैं ईश्वर का धन्यवाद करती
हूँ क्योंकि उन्होंने मेरे पति के मरने के बाद भी कुष्ठ रोगियों की सेवा हेतु मेरी सहायता
की है।”
ग्लैडीस स्टेन्स 2004 में अस्टेलिया लौट गई थीं लेकिन उन्होंने सुसमाचार प्रेरितिक समाज
द्वारा अपने कामों को जारी रखा। उन्हें भारत सरकार की ओर से समाज सेवा हेतु सम्मानित
पद्ममा श्री पुरास्कार भी प्रदान किया गया है जिसकी राशि को उन्होंने कुष्ठ रोगियों के
घर और अस्पताल निर्माण हेतु दान कर दिया।
उनके पति के आरोपित हत्यारों के नाम अब भी विवादास्पद हैं लेकिन 51 लोगों को हिरासत में
लिया गया था परन्तु अभी प्रायः सब के सब बरी हैं। दो आरोपित अभियुक्तों को आजीवन कारावास
की सजी मिली है।
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