2015-12-17 16:31:00

बुराई, युद्ध और हिंसा को जीतने का उपाय है करुणा


येरूसालेम, बृहस्पतिवार, 17 दिसम्बर 2015 (एशियान्यूज़): येरूसालेम के लातीनी प्राधिधर्माध्यक्ष ने कहा कि संत पापा फ्राँसिस द्वारा करुणा की जयन्ती का उद्घाटन वर्तमान युग की बीमारी का इलाज है। करुणा के द्वारा ही हम ईश्वर की कोमलता एवं सामीप्य को प्रदर्शित कर सकते हैं।

प्राधिधर्माध्यक्ष फौड ट्वाल ने पवित्र भूमि के अपने विश्वासियों को ख्रीस्त जयन्ती का संदेश देते हुए कहा, ″करुणा केवल व्यक्तिगत संबंधों तक सीमित नहीं होता किन्तु जनता के जीवन के सभी पहलुओं का आलिंगन करता है।″    

उन्होंने कहा कि करुणा एक राजनीतिक कार्य है तथा हिंसा, शोषण, अन्याय एवं अधिकार की भावना का विरोध करने हेतु मुख्य घटक। उन्होंने तीर्थयात्रियों को निमंत्रण देते हुए कहा, ″जयन्ती के इस वर्ष में हम बिना भय तीर्थयात्रियों को पवित्र भूमि का दर्शन करने हेतु निमंत्रण देते हैं क्योंकि तनावपूर्ण परिस्थिति के बावजूद तीर्थ मार्ग सुरक्षित हैं तथा लोगों के द्वारा सम्मान एवं प्रशंसा किये जाते हैं।″  

प्राधिधर्माध्यक्ष ने हिंसा के विरूद्ध शिक्षा के प्रमुख मूल्यों के बारे बतलाते हुए उन्होंने ख्रीस्तीय स्कूलों में कड़वे संघर्ष की याद की जो सरकार द्वारा निर्धारित की गयी थी। ख्रीस्त जयन्ती को मनाये जाने के संबंध में उन्होंने कहा कि वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति के अनुसार इसे संयमित होना चाहिए तथा आध्यात्मिक रूप से गहराई में बढ़ना चाहिए।

उन्होंने विश्वासियों को सलाह दी कि क्रिसमस ट्री की बत्तियों को हिंसा एवं आतंकवाद के शिकार सैनिकों के सम्मान में पाँच मिनट के लिए बंद रखा जाए तथा ख्रीस्त जयन्ती के यूखरिस्तीय समारोह को हिंसा के शिकार लोगों के परिवारों के लिए अर्पित किया जाए ताकि वे भी क्रिसमस के आनन्द एवं शांति में सहभागी हो सकें। 

प्राधिधर्माध्यक्ष ट्वाल के अनुसार येसु का जन्म प्रकाश का त्यौहार है जो अंधकार में चमकती है। यह आनन्द, आशा और शांति का त्यौहार है। 








All the contents on this site are copyrighted ©.