2015-12-14 16:26:00

संत पापा का पोलीकोरो परियोजना के प्रतिभागियों के नाम संदेश


वाटिकन सिटी, सोमवार, 14 दिसम्बर 2015 (वीआर सेदोक) संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार 14 दिसम्बर को वाटिकन स्थित पौल षष्ठम सभागार में इताली धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के तत्वाधान में युवाओं के लिए एक बड़े प्रेरितिक पहल “पेरीकोरो प्रोजेक्ट” के प्रतिभागियों से मुलाकत की।

विदित हो कि ‘पेरीकोरो प्रोजेक्ट’ एक ऐसा कार्यक्रम है जो 20 वर्ष से अधिक उम्र के दक्षिण इटली के युवाओं को लिए, उनकी क्षमताओं के विकास, नौकरी संबंधी जानकारी, मावन प्रतिष्ठा के प्रति स्वस्थ विचार तथा कलीसिया एवं समुदाय को बढ़ाने हेतु संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य आयोजित किया गया है।

संत पापा ने उन्हें संबोधित कर कहा, “प्रिय भाइयों एवं बहनों, मैं आप सब का सहर्ष स्वागत करता हूँ। यहाँ आने के लिए धन्यावाद। 20 वर्ष पहले पोलीकोरो परियोजना की शुरूआत हुई जो पोर्लेरमो की कलीसियाई सम्मेलन का परिणाम है। परियोजना का शुभारंभ एक विशेष मकसद को लेकर किया गया था जिससे की युवाओँ में बेरोजगारी की समास्या का निदान खोजा निकला जा सके।

यह परियोजना सुसमाचार की सत्यता को जीवन में सम्माहित करते हुए युवाओँ के लिए एक बृहृद पहल है जो देश के विकास हेतु अभिन्न अंग हैं। इस पहल ने युवाओं के प्रशिक्षण, सहकारिता समिति की शुरूआत, सामुदायिक अगुवाओं के रूप में श्रृंखला निर्माण और अन्य ठोस कामों में सफलता हेतु परियोजना की प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से हमारे लिए प्रस्तुत किया है।

परियोजना ने अपनी गुणवता पूर्ण कामों का नजारा हमारे सामने पेश किया है जो मानवीय गरिमा को बनाये रखने में सहायक सिद्ध होता है। हममें से प्रत्येक को अपनी गरिमा को बनाये रखने की जरूरत है विशेषकर, युवाओं को अपने कामों द्वारा अपने विश्वास और अपने जीवन के प्रति उत्साह बनाये रखने की अवश्यकता है।

कितने नौवजवान बेरोजगारी के शिकार हैं। कितने नौकरी की तलाश करना छोड़ चुके हैं। काम कुछेक के लिए ही ईश्वर की कृपा नहीं वरन् हम सब का अधिकार है।

आप उन सबों का प्रतिनिधित्व करते हैं जिन्होंने अपना प्रयास नहीं छोड़ा है लेकिन साहस से अपने कामों को बेहतर बनाने की कोशिश करते और रोजगार के अवसर उत्पन्न करते हैं। मैं आप से आग्रह करता हूँ कि आप अपनी पहल जारी रखें जिससे समुदाय में युवाओं की सहभागिता बनी रहे। बहुधा परियोजना के कार्य एकांकी के पल होते हैं हमारे युवाओं को बहुत-सी मुश्किलों से होकर गुजारना होता है और उनकी सहायता करने को कोई नहीं होता। परिवार आर्थिक रूप से उनकी सहायता नहीं कर सकता और इस तरह बहुत से युवा हताश और निऱाश हो जाते हैं।

ऐसी परिस्थिति में आप उनकी सहायता कर सकते हैं उनमें नया जोश, कामों को नये तरीके से करने का उत्साह और मिलकर विचार-विमार्श, विचारों का अदान-प्रदान और आप जो अधिक प्रभावशाली हैं उनसे एकता का उपहार साझा कर सकते हैं।

मैं आप को प्रोत्साहन देते हुए आग्रह करता हूँ की आप मानवता के विकास में अपनी परियोजना को जारी रखें जिससे युवा अपनी क्षमताओं के अनुरूप रोजगार प्राप्त कर सकें। बहुत बार कार्य की विचारधारा धन और शोहरत की प्राप्ति हो जाती है जो हमें अमानवीय बना देता है आप के साथ ऐसा न हो लेकिन आपका प्रयास युवाओं को उनकी क्षमताओं के अनुरूप रोजगार प्राप्ति की शिक्षा प्रदान करे।

आप के कार्य युवाओं को रोजगार मुहैया करना मात्र नहीं वरन् कार्य के मूल्यों की पवित्रता को भी समझाना है जिसके द्वारा सुसमाचार का प्रचार होता है। 








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