2015-12-07 16:07:00

अति विशिष्ट करूणा के जुबली वर्ष की शुरूआत


वाटिकन सिटी, सोमवार, 7 दिसम्बर 2015 (सेदोक) संत पापा फ्राँसिस के द्वारा पूर्व निर्धारित करुणा की जयंती वर्ष की शुरूआत निष्कंलक कुवाँरी मरियम के गर्भाधारण महोत्सव, मंगलवार 8 दिसम्बर 2015 को संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रंगण में स्थानीय समय के अनुसार साढ़े नौ बजे शुरू होगा।

संत पापा जयंती मिस्सा बलिदान की अगुवाई करेंगे और संत पेत्रुस महागिरजाघर के पवित्र द्वार को सब विश्वसियों के लिए खोलते हुए अतिविशिष्ट करूणा की जयंती वर्ष का शुभारंभ करेंगे।  कार्डिनल और अन्य धर्माचार्य इस धर्म विधि में संत पापा का साथ  देंगे।

पवित्र बलिदान की शुरूआत कलीसिया के चार स्तम्भों “ देई बेरभुम, लुमेन जेनसुम, साक्रोसंक्तुम कोन्सेलुम और गोदम एतस्पेस”  से चुने गये पंक्तियों के पाठन द्वारा होगा जिसके बाद “ दिगनेतातिस ह्युमाने” अन्तरधार्मिक वार्ता और धार्मिक स्वतंत्रता पर आधारित दो गीत गाये जायेंगे। विदित हो कि 8 दिसम्बर 2015 दिवितीय वाटिकन महासभा की 50वीं वर्षगाँठ को रेखाकिंत करता है। काथलिक कलीसिया के इन पत्रों से उद्धित पाठों का संदर्भ कलीसिया में हमारी नींव और कलीसिया के जीवन में उनकी प्रासंगिकता को प्रर्दशित करता है जो कि तीन वर्षों के अथक मेहनत और ईश्वरीय दया में बनकर तैयार हुआ जैसा की संत पापा फ्राँसिस संत जोन पॉल 23वें और पौल 6वें की बातों का हवाला कलीसियाई दस्तावेज में देते हैं।

मिस्सा बलिदान के दौरान पवित्र धर्मग्रंथ का एक जुलूस होगा जिसे मुख्यतः करूणा की जयंती वर्ष हेतु पी. रूपनिक ने तैयार किया है और जिसका प्रकाशन सान पॉलो द्वारा किया गया है। सुसमाचार को महागिरजाघर की बलिवेदी के उसी स्थान पर प्रतिष्ठित किया जायेगा जिस स्थान पर द्वितीय वाटिकन महासभा की पुस्तिका को किया गया था और यह इस बात को स्पष्ट करता है की धर्मग्रंथ हमारे जीवन का केन्द्र-विन्दु है।

पवित्र द्वार को खोलने के संदर्भ में, संत पापा को इसे खोलने और इसे होकर पार होने को आग्रह किया जायेगा। तदोपरान्त कार्डिनल, धर्माध्यक्षगण, पुरोहितों, धर्मसमाजियों और लोकधर्मियों के प्रतिनिधिगण पवित्र द्वार से होकर गुजरेंगे और जुलूस करते हुए प्रेरित संत पेत्रुस की क्रब तक पहुँचा जायेगा और तब मिस्सा बलिदान की बाकी धर्मविधियों का अनुष्ठान होगा। 








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