2015-12-05 16:13:00

सृष्टि की देखभाल हेतु छः दरवाजे


लंदन, शनिवार, 5 दिसम्बर 2015 (वीआर सेदोक): न्याय एवं शांति के लिए गठित परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष कार्डिनल पीटर टर्कसन ने शुक्रवार 4 दिसम्बर को लंदन के संत पौल षष्ठम मेमोरियल में, काथलिकों एवं विकास एजेंसी सी. ए. एफ. ओ. डी. के प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर, प्रेरितिक विश्व पत्र ‘लाओदातो सी’ पर ध्यान आकृष्ट करते हुए विश्व में आधुनिक युग के संकट से बाहर आने तथा सृष्टि की देखभाल हेतु छः दरवाज़ों का प्रस्ताव रखा।

वक्तव्य की विषय वस्तुत थी, ″समस्त सृष्टि की देखभाल: हमारे सामान्य घर के लिए एक द्वार।″

 संत पापा फ्राँसिस द्वारा संत पेत्रुस महागिरजाघर में पवित्र द्वार को खोलते हुए करुणा की जयन्ती वर्ष के उद्घाटन के पूर्व लंदन के काथलिकों को सम्बोधित करते हुए कार्डिनल टर्कशन ने कहा कि प्रथम बिन्दु है अन्याय तथा पर्यावरण विनाश की वैश्विक संकट जो विश्व के सभी हिस्सों में प्रत्येक व्यक्ति को प्रभावित कर कहा है, उसपर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।

दूसरा द्वार उन्होंने बतलाया कि हरेक व्यक्ति को उपयुक्त साधन द्वारा अपना सहयोग सृष्टि की रक्षा हेतु देने की आवश्यकता है जैसा कि काथलिक धर्माध्यक्षों ने पेरिस के जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले नेताओं को बिजली बचाने के सहज उपाय एवं अपशिष्ट के पुनःचक्र पर विशेष ध्यान दिये जाने की अपील की थी।

तीसरा द्वार है, वर्तमान के पर्यावरण संकट को देखना, जिसका अर्थ है कि यह समझने का प्रयास करना कि किस तरह सम्पूर्ण सृष्टि एक-दूसरे से जुड़ा है अतः धरती के साथ हमारा बर्ताव, हमारे भाई बहनों को प्रभावित करता है।

चौथा द्वार, हमें परिस्थिति की तात्कालिकता को प्रकट करने में ईमानदार होनी चाहिए। पाँचवाँ, हमें वार्ता एवं सभी भले लोगों के साथ एकात्मक होकर समाधान खोजने में उदार बनने की आवश्यकता है।

कार्डिनल टर्कशन के अनुसार छटवाँ और अंतिम द्वार है प्रार्थना जो हमें गहरे आंतरिक मन-परिवर्तन की ओर ले जाता है। हमें अपने ग्रह के भविष्य के लिए बृहद एवं उच्चतर दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रार्थना हमें सही दिशा की ओर देखने तथा चाह एवं उम्मीद रखने की प्रेरणा प्रदान करेगा।








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